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वेटिंग से स्लीपर में सफर बंद: 16 कोटे जिनसे फटाफट कन्फर्म होता टिकट, जानिए रेलवे का नियम? - waiting ticket new rules - WAITING TICKET NEW RULES

वेटिंग टिकट से स्लीपर में सफर बंद होने के बाद अब यात्रियों के सामने टिकट को कन्फर्म कराने को लेकर बड़ी समस्या आ रही है. ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं रेलवे के ऐसे 16 कोटे के बारे में जिनकी मदद से आसानी से टिकट कन्फर्म हो जाता है. अक्सर लोगों को इनके बारे में जानकारी नहीं होती है. चलिए जानते हैं इनके बारे में.

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वेटिंग टिकट इन 16 कोटे से होते कन्फर्म. (photo credit: etv bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Aug 26, 2024, 7:17 AM IST

Updated : Aug 28, 2024, 6:41 AM IST

लखनऊःरेलवे की ओर से वेटिंग टिकट से स्लीपर पर सफर पर अब सख्ती की जा रही है. ऐसे में यात्रियों को काफी परेशान होना पड़ रहा है. स्लीपर या एसी में कन्फर्म टिकट मिलना हर किसी के लिए बड़ी चुनौती हो गया है. इन यात्रियों में कुछ ऐसे होते हैं जो रेलवे का कोटा इस्तेमाल कर सकते हैं. आपको बता दें कि रेलवे 16 खास तरह के कोटे के जरिए यात्रियों को टिकट कन्फर्म कराने की सुविधा देता है, बशर्ते उन कोटे के नियम और पात्रता का पालन सही तरीके से किया गया हो. चलिए आपको बताते रेलवे के खास नियमों के बारे में.

रेलवे की ओर से यात्रियों को दी गई कोटा सुविधा. (photo credit: etv bharat gfx)

1. कैंसर मरीजों के लिए इमरजेंसी कोटा:रेलवे प्रशासन कैंसर मरीजों के लिए इमरजेंसी कोटा देता है. भले कोई कोटा क्यों न लगा हो लेकिन अगर कोई कैंसर पेसेंट टिकट बुक करता है तो इमरजेंसी में रेलवे की तरफ से कैंसर मरीज के टिकट को महत्व दिया जाता है और उसे सबसे पहले टिकट देने की व्यवस्था है.

2. तत्काल कोटा:तत्काल कोटा उन यात्रियों के लिए है जिनकी यात्रा की योजना तत्काल हो. फर्स्ट एसी और एग्जीक्यूटिव क्लास को छोड़कर सभी क्लास के लिए बुकिंग की जा सकती है. इस कोटे के लिए बुकिंग ट्रेन खुलने की तारीख से एक दिन पहले सुबह 10 बजे एसी क्लास के लिए और सुबह 11 बजे नॉन-एसी क्लास के लिए ओपन होता है और पलभर में सीटें भर जाती हैं.

रेलवे की ओर से 16 कोटे के खास नियम हैं. (photo credit: etv bharat gfx)

3. प्रीमियम तत्काल कोटा:प्रीमियम तत्काल कोटे के तहत रेलवे प्रशासन कुछ सीटें रिजर्व करता है जिन यात्रियों को तत्काल यात्रा करनी होती है, उनके लिए किराए में इजाफा कर दिया जाता है. बुकिंग प्रक्रिया तत्काल कोटे के समय ही शुरू होती है. एसी क्लास के लिए सुबह 10 बजे और नॉन-एसी क्लास के लिए सुबह 11 बजे कोटा ओपन हो जाता है. यात्री अपनी सीट बुक कर सकता है.





4. सामान्य कोटे में चार माह पहले से बुकिंग:ट्रेन टिकट बुकिंग में जनरल कोटा सबसे आम कोटा है. इसमें ट्रेन में सबसे ज़्यादा सीटें आवंटित की जाती हैं. इसके लिए बुकिंग चार माह पहले शुरू होती है.



5. हेड क्वार्टर (HO) कोटा में पहले आओ, पहले पाओ:रेलवे अधिकारियों, वीआईपी और ब्यूरोक्रेट्स के लिए ट्रेन में कुछ सीटें रिजर्व की जाती हैं. सीटों का आवंटन पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर किया जाता है. यह कोटा उन टिकटों पर लागू होता है जो सामान्य कोटे में बुक होते हैं लेकिन वे वेटिंग लिस्ट में हैं.



6. दिव्यांग कोटा में मिलती दो बर्थ :दिव्यांगजन कोटा शारीरिक रूप से दिव्यांग यात्रियों के लिए आरक्षित है. उन्हें यात्रा के लिए दो बर्थ आवंटित किए जाते हैं. निचली बर्थ दिव्यांग के लिए होती है और बीच वाली बर्थ उनके साथ आने वाले सहचर के लिए रिजर्व की जाती है.


7. मंत्री, विधायक सांसद कोटा :रेलवे के हेड क्वार्टर कोटे की तरह संसद भवन कोटा विधायकों, सांसदों, राज्य और केंद्र के मंत्रियों, न्यायाधीशों के लिए है. यह उच्चाधिकारियों के लिए निर्धारित सीटों की संख्या को दर्शाता है. इसका प्रयोग वे अपनी तत्काल यात्रा को पूरा करने के लिए कर सकते हैं.


8. डिफेंस कोटा के लिए आईडी कार्ड जरूरी :रेलवे में रक्षा अधिकारियों के लिए कोटा है और इसका लाभ उनके आईडी कार्ड के ज़रिए उठाया जा सकता है. डिफेंस कोटे के जरिए बुक किए गए टिकटों का इस्तेमाल ट्रांसफर, घर वापस जाने या अवकाश के बाद फिर से ड्यूटी पर लौटने के लिए किया जाता है.

9. महिला कोटा भी होता है :यह कोटा अकेले या 12 साल से कम उम्र के बच्चे के साथ यात्रा करने वाली महिला यात्री के लिए आरक्षित है. कुछ ट्रेनों में सेकंड सीटिंग और स्लीपर क्लास में महिला यात्रियों के लिए आधा दर्जन सीटें निर्धारित की गई हैं.




10. विदेशी पर्यटकों के लिए अलग कोटा:रेलवे की सभी ट्रेनों में विभिन्न श्रेणियों में वैध वीज़ा रखने वाले विदेशी पर्यटकों और एनआरआई के लिए भी कुछ सीटें रिजर्व की जाती हैं. इन सीटों का किराया रेलवे के बेस किराए से डेढ़ गुना अधिक है.

11. ड्यूटी पास कोटा :रेलवे कर्मचारियों को उनकी ड्यूटी के लिए ट्रेन में चढ़ने के लिए ड्यूटी पास कोटा दिया जाता है. सभी श्रेणियों में सेवारत/सेवानिवृत्त रेलवे कर्मचारियों के लिए सीमित संख्या में बर्थ रिजर्व हैं जो इस कोटे के तहत बुक होती हैं.

12. 45 साल से अधिक की महिला और सीनियर सिटीजन कोटा :एसएस कोटे के तहत 45 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं और अकेले यात्रा करने वाले सीनियर सिटीजन को ट्रेन में नीचे की बर्थ दी जाती है. इस कोटे के तहत एक बार में सिर्फ दो टिकट बुक किए जा सकते हैं.



13. युवा कोटा बेरोजगार के लिए :ट्रेनों में युवा कोटा 18-45 साल के बेरोजगार यात्रियों के लिए है. राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एनआरईजीए) से प्रमाणित है. टिकट बुकिंग के दौरान इस रियायत का लाभ लेने के लिए मनरेगा प्रमाणपत्र अनिवार्य है. युवा के लिए ट्रेनों में 10 फीसदी सीटें आरक्षित हैं.

14. लो बर्थ कोटा :इस कोटे के तहत ट्रेनों में निचली बर्थ 60 साल या उससे ज्यादा उम्र के पुरुष यात्रियों और 45 साल या उससे अधिक आयु की महिला यात्रियों के लिए आरक्षित होती है. निचली बर्थ कोटा का लाभ अकेले यात्रा करते समय या दो ऐसे यात्रियों के साथ यात्रा करते समय लिया जा सकता है.



15.आरई कोटा :रेलवे प्रशासन अपने कर्मचारियों को विशेष यात्रा पास देता है जो ट्रेन कोटे के लिए ड्यूटी पर तैनात रेलवे कर्मचारी स्टाफ के अंतर्गत आते हैं.



16. पूल्ड कोटा :पूल्ड कोटा उन यात्रियों को आवंटित किया जाता है जो या तो आरंभिक स्टेशन से टर्मिनेटिंग स्टेशन से कम दूरी वाले स्टेशन तक या किसी मध्यवर्ती स्टेशन से टर्मिनेटिंग स्टेशन तक या दो मध्यवर्ती स्टेशनों के बीच यात्रा करते हैं. पूरी ट्रेन यात्रा के लिए केवल एक पूल्ड कोटा होता है. जब यह कोटा भर जाता है तो पूल्ड कोटा वेटिंग लिस्ट के तहत टिकट जारी होते हैं. हालांकि इस कोटे से सीट कंफर्म होने की उम्मीद बहुत कम होती है.

वेटिंग टिकट से स्लीपर में सफर न करें. (photo credit: etv bharat gfx)

वेटिंग टिकट से स्लीपर में सफर अब बंद, रेलवे सख्त:आपको बता दें कि वेटिंग टिकट यदि कन्फर्म नहीं है तो टीटी आपसे जुर्माना वसूल सकता है या फिर आपको ट्रेन से उतारकर जनरल कोच में भेज सकता है. रेलवे की ओर से यह नियम वैसे तो अंग्रेजों के जमाने से था लेकिन इसका सख्ती से पालन अब कराया जा रहा है. शायद यही वजह है कि अब टिकट कन्फर्म कराने को लेकर यात्रियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में यदि वह कोटे के पात्र हैं तो उन्हें आसानी से कन्फर्म टिकट मिल जाएगा.




आम यात्री कैसे करें कोटे के लिए आवेदन:खास कोटे की सुविधा पाने के लिए यात्रियों को संबंधित रेलवे स्टेशन पर संपर्क करना होता है. मसलन कोई कैंसर मरीज के लिए कोटे की सुविधा पानी है तो संबंधित स्टेशन में जाकर संपर्क कर सकते हैं. यहां आपको आवेदन फार्म भरने के साथ ही बीमारी का प्रमाण यानी दस्तावेज आदि जमा करना होता है. इसके बाद आपके टिकट पर कोटा लागू हो जाता है और यह कन्फर्म हो जाता है. अन्य कोटे की सुविधा पाने के लिए भी आपको इसी तरह संपर्क करना होगा.

रेलवे अफसर बोलीं:उत्तर रेलवे की सीनियर डीसीएम रेखा शर्मा बतातीं हैं कि रेलवे में टिकट कंफर्म करने के लिए कोटे की व्यवस्था है. अलग-अलग तरह का कोटा यात्रियों को दिया जाता है. आम जनता से लेकर वीआईपी तक के लिए कोटे के तहत कंफर्म सीट की व्यवस्था होती है.

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Last Updated : Aug 28, 2024, 6:41 AM IST

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