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Jharkhand Election 2024: जामताड़ा में प्रत्याशियों की किस्मत ईवीएम में कैद, मतदाताओं ने बताई अपनी परेशानी - JHARKHAND ASSEMBLY ELECTION

जामताड़ा विधानसभा चुनाव में मतदाताओं ने इरफान अंसारी और सीता सोरेन की किस्मत ईवीएम मशीन में सील कर दी है. अब परिणाम का इंतजार है.

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मतदान करने पहुंचे दिव्यांग मतदाता (Etv Bharat)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Nov 20, 2024, 5:12 PM IST

जामताड़ा:झारखंड विधानसभा चुनाव की वोटिंग संपन्न हो चुकी है. जामताड़ा सीट के प्रत्याशीइरफान अंसारी और सीता सोरेन की किस्मत ईवीएम में सील हो गई है. अभी यह नहीं कहा जा सकता कि इस बार जामताड़ा विधानसभा चुनाव में कौन जीतेगा और जनता किसे अपना प्रतिनिधि चुनेगी. इनके भाग्य का फैसला ईवीएम में सुरक्षित है. हालांकि विधानसभा चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशी अपनी जीत का दावा जरूर कर रहे हैं.

इस बार मतदाताओं ने शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के मुद्दे पर अपना वोट दिया है. जामताड़ा विधानसभा चुनाव में इस बार मतदाताओं और विधानसभा की जनता ने एक बेहतर सरकार और एक अच्छा जनप्रतिनिधि चुनने के लिए वोट किया है. खास तौर पर शिक्षा और स्वास्थ्य में बदलाव के मुद्दे पर वोटिंग की गई है. मतदाताओं का मानना ​​है कि वे ऐसा जनप्रतिनिधि चुनना चाहते हैं जो उनके हितों का ख्याल रखे और शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार से जुड़ी समस्याओं के समाधान की दिशा में काम करे.

जामताड़ा में वोटिंग (Etv Bharat)

मताधिकार का प्रयोग करने के बाद एक दिव्यांग मतदाता ने रोते हुए काफी दुख जताया कि वे अपने वोट और अधिकार का प्रयोग करते हैं लेकिन वोट देने के बाद 5 साल तक कोई जानने वाला जनप्रतिनिधि या विधायक उन्हें देखने या सुनने नहीं आता. वहीं इस बार वोट देने वाले मतदाता जामताड़ा में बदलाव लाने की बात करते हैं. उनका कहना है कि जामताड़ा में शिक्षा और स्वास्थ्य की स्थिति बदतर है. स्वास्थ्य और शिक्षा के लिए यहां के युवाओं को बाहर जाना पड़ता है.

जामताड़ा विधानसभा चुनाव में व्यापारियों के लिए कुछ नहीं किए जाने पर चैंबर ऑफ कॉमर्स ने दुख जताया है. जामताड़ा चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष संजय अग्रवाल ने कहा है कि आज तक जो भी जनप्रतिनिधि चुने गए उन्होंने व्यापारियों के लिए नहीं सोचा. उन्होंने कहा कि इस बार व्यापारियों ने बदलाव के लिए वोट किया है. उन्होंने कहा कि इस बार जो भी सरकार बने, उसे व्यापारियों के हित में व्यापारी आयोग का गठन करना चाहिए और कृषि बिल को पूरी तरह से निरस्त करने का काम करना चाहिए.

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