रायपुर:दीपावली पर स्कूल और दफ्तरों में छुट्टियां रहेंगी. अगर आप भी घूमने और नेचर के करीब जाने के शौकीन हैं तो इस दीपावली पर छत्तीसगढ़ की खूबसूरत वादियों में विजिट कर सकते हैं. वैसे तो पूरा छत्तीसगढ़ ही पर्यटन की दृष्टि से मनमोहक है. रायपुर से लेकर बस्तर तक एक से बढ़कर एक टूरिस्ट डेस्टिनेशन हैं. पर कुछ ऐसे भी टूरिस्टे प्लेस हैं जिसे देखकर आपका दिल खुश हो जाएगा.
मयाली नेचर कैंप:मयाली नेचर कैंप जशपुर जिले के कुनकुरी में है. झारखंड और छत्तीसगढ़ की सीमा पर मयाली नेचर कैंप है. पर्यटकों के लिए इन दिनों ये नेचर कैंप सबसे बेस्ट डेस्टिनेशन बना हुआ है. यहां पहुंचना भी सभी के लिए आसान है. रायपुर से आप सीधे जशपुर पहुंच सकते हैं. बिलासपुर से लेकर दुर्ग संभाग तक के लोग आसानी से सड़क मार्ग के जरिए यहां आ सकते हैं. रुकने के लिए यहां छोटे छोटे होटल भी हैं. वन विभाग की ओर से भी पर्यटकों के लिए खास इंतजाम किए जाते हैं. हरियाली और डैम के बीच में जाकर आप सुकून के पल तलाश कर सकते हैं. यहां पर आपको गाइड भी मिलेंगे जो यहां की खूबसूरत स्थानों को ले जाकर दिखाएंगे. यहां कैक्टस की कई प्रजातियां आपको मिलेंगी. ज्यादातर पर्यटक यहां पर बोटिंग का आनंद लेने के लिए आते हैं.
भोरमदेव मंदिर: कवर्धा से 18 किमी की दूरी पर और रायपुर शहर से 125 किमी की दूरी पर भोरमदेव मंदिर है. ये हजारों साल पुराना मंदिर है. मंदिर के चारों ओर मैकल पर्वतसमूह है जिसके चलते आस पास का इलाका विलुप्त वनस्पतियों और हरी भारी घाटी से सजा है. मंदिर के सामने एक ऐतिहासिक तालाब है. कहते हैं कि इस मंदिर की बनावट ओडिशा को कोणार्क मंदिर और मध्य प्रदेश के खजुराहो मंदिर से मिलता जुलता है. इतिहासकारों का मानना है कि इस मंदिर को 11वीं शताब्दी में नागवंशी राजाओं ने बनाया था. मान्यता है कि यहां शिव खुद विराजमान हैं. भक्तों की पुकार सुनते हैं.
चित्रकोट जल प्रपात: बस्तर के सबसे सुंदर स्थानों में से इसे एक माना जाता है. जगदलपुर के करीब होने के चलते नए साल और सर्दियों की शुरुआत में यहां भारी भीड़ पहुंचती है. नए साल पर तो यहां महीनों पिकनिक का मौहाल रहता है. यहां जब ऊंचाई से पानी नीचे गिरता है उसकी आवाज मन को बड़ा सुकून देती है. बारिश में जब झरने में भरपूर पानी होता है तो ये और शानदार नजर आता है. चित्रकोट जलप्रपात को भारत का नियाग्रा जलप्रपात भी कहते हैं. रात के वक्त यहां लाइटिंग में पानी को गिरते देखना बड़ा सुंदर लगता है.
बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य: बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य महासमुंद के करीब है. बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य में दुर्लभ जीव जंतुओं का डेरा है. सुबह सात बजे से लेकर शाम छह बजे तक यहां पर्यटकों की भारी भीड़ होती है. यहां सफारी का आनंद के लिए बड़ी संख्या में पर्यटक आते हैं. सड़क रेल और हवाई तीनों मार्गों से बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य जुड़ा है. अगर आप जंगल सफारी का आनंद लेना चाहते हैं तो फिर ये आपके लिए बेस्ट टूरिस्ट प्लेस साबित हो सकता है. छत्तीसगढ़ घूमने जो भी पर्यटक आता है वो बारनवापारा वन्यजीव अभयारण्य जरुर देखने जाता है.