कुल्लू: हिमाचल प्रदेश देवी देवताओं की भूमि है. यहां के कण-कण में देवी-देवताओं का वास है. हिमाचल में देवी-देवताओं के हजारों मंदिर हैं. इन मंदिरों का इतिहास हजारों साल पुराना है. आज भी इन मंदिरों की दीवारें इतिहास की गवाही देती हैं. हिमाचल से पांडवों का भी इतिहास जुड़ा हुआ है. माना जाता है कि वनवास के दौरान पांडवों ने अपना अज्ञातवास का लंबा समय हिमाचल के पहाड़ों में बिताया था. अपने अज्ञातवास के दौरान उन्होंने कई मंदिरो का भी निर्माण किया.
जिला कुल्लू के बजौरा स्थित भगवान शिव का एक मंदिर है. माना जाता है कि अज्ञातवास के दौरान पांडवों ने इस मंदिर का निर्माण किया था और यह पूरा मंदिर एक पत्थर से ही बना हुआ है. बजौरा में बने इस मंदिर को विश्वेश्वर महादेव के नाम से जाना जाता है. भगवान शिव के इस मंदिर में उकेरी गई नक्काशी आज भी उत्कृष्ट कलाकारी को दर्शाती है. यह मंदिर अब भारतीय सर्वेक्षण एवं पुरातत्व विभाग के अधीन है. यह मंदिर इस क्षेत्र की आस्था का केंद्र है. यहां हर साल बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने के लिए आते हैं और यह मंदिर कुल्लू जिले के सबसे बड़े धार्मिक स्थलों में से एक है.
दीवारों पर की गई है अद्भुत नक्काशी
बजौरा में ब्यास नदी के तट पर स्थित विश्वेशर महादेव मंदिर एक असाधारण मंदिर है. यह धार्मिक स्थल अपनी पत्थर की नक्काशी, चमत्कारिक मूर्तियों के लिए प्रसिद्ध है. मंदिर को नागर शैली में बनाया गया है. मंदिर की आंतरिक और बाहरी दीवारों पर अद्भुत नक्काशी की गई है. यहां आने वाले श्रद्धालु मंदिर की अद्भुत नक्काशी देखकर चौंक जाते हैं.