दिल्ली

delhi

ETV Bharat / state

जैन तीर्थस्थल गिरनार पर्वत के सुरक्षित दर्शन के लिए विश्व श्रमण संस्कृति श्रीसंघ ने शुरू किया अभियान, पीएम को लिखे जाएंगे पत्र - Vishwa Shramana Culture Srisangha - VISHWA SHRAMANA CULTURE SRISANGHA

Vishwa Shramana Culture Srisangha: दिल्ली में विश्व श्रमण संस्कृति श्रीसंघ ने सोमवार को एक अभियान की शुरुआत की. इसके तहत जैन तीर्थस्थल गिरनार पर्वत के सुरक्षित दर्शन के लिए पीएम को पत्र लिखे जाएंगे.

Vishwa Shramana Culture Srisangha
Vishwa Shramana Culture Srisangha

By ETV Bharat Delhi Team

Published : Apr 15, 2024, 8:55 PM IST

राजेश जैन, राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्रीसंघ

नई दिल्ली:दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में विश्व श्रमण संस्कृति श्रीसंघ ने एक अभियान की शुरुआत की. दरअसल जैन धर्म के 22वें तीर्थंकर नेमिनाथ भगवान की मोक्ष स्थली गुजरात के जूनागढ़ जिले में गिरनार पर्वत है, जिसे ऊर्जयंत पर्वत भी कहा जाता है. इस पर्वत कर जैन अनुयायियों के सुरक्षित दर्शन पूजन आदि के लिए ही इस अभियान की शुरुआत की गई है. अभियान को जैन जन की बाती, पीएम को पाती का नाम दिया गया.

श्रीसंघ के राष्ट्रीय महामंत्री सुदीप जैन ने बताया कि अभियान के तहत हम देशभर के जैन अनुयायियों से ही नहीं, बल्कि जन-जन से यह आह्वान करते हैं कि सभी लोग भारत के प्रधानमंत्री को पत्र भेजकर गिरनार पर्वत पर जैन अनुयायियों के सुरक्षित दर्शन पूजन के लिए आग्रह करें. उन्होंने बताया कि पत्र का प्रारूप सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया गया है, जिसमें अपना नाम, पिता/पति का नाम, पता और मोबाइल नंबर भरकर श्रीसंघ के पते पर भेजना है. इसके बाद ये सारे पत्र एक साथ यह पत्र प्रधानमंत्री को भेजे जाएंगे.

यह भी पढ़ें-चुनावी बॉन्ड योजना खत्म करने पर बोले पीएम मोदी- हर किसी को होगा पछतावा, देश में बढ़ेगा काला धन

श्रीसंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश जैन पुष्पांजलि ने बताया कि, गिरनार पर्वत पर सदियों से जैन श्रधालु पूजन-अर्चन के लिए जाते रहे है. लेकिन पिछले 20 वर्षों से वहां अतिक्रमणकारियों द्वारा अवैध रूप से कब्जा कर अतिक्रमण कर लिया गया है. इसके संदर्भ में उच्च न्यायालय, गुजरात द्वारा 17 फरवरी, 2005 को जारी अपने आदेशों में अवैध अतिक्रमण को तत्काल हटाने, पांचवीं टोंक से चौथी टोंक के बीच पुलिस बल की तैनाती, सीसीटीवी कैमरे लगाने, पांचवीं टोंक पर किसी के भी ठहरने की अनुमति न देने यात्रियों का पंजीकरण और अंतिम फैसला होने तक दोनों मतावलंबियों को अपने-अपने मतानुसार पूजन का अधिकार रहेगा. उन्होंने आगे कहा कि जैन धर्म को नष्ट करने का षड्यंत्र रचने वाली कुछ शक्तियों के दबाव में आज तक इन आदेशों का अनुपालन नहीं कराया जा रहा. गिरनार पर्वत पर पूजन करने के वालों के साथ अभद्रता की जाती है.

यह भी पढ़ें-भगवान और धर्म स्थल के नाम पर वोट मांगने के आरोप में PM मोदी के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर

ABOUT THE AUTHOR

...view details