चंबा: संसाधनों की कमी किसी इंसान का हौसला नहीं तोड़ सकते. हिम्मत और दिल में कुछ कर गुजरने का हिम्मत है तो मंजिल जरूर मिलती है, भले ही रास्ते में कितनी भी चुनौतियां आएं. मेहनत के बल पर इंसान हर बाधा को पार करने की हिम्मत रखता है. ऐसा ही कुछ हिमाचल के चंबा जिला के विनोद कुमार ने कर दिखाया है. निर्धन परिवार से संबंध रखना वाला विनोद कुमार स्कूल लेक्चरर बन गया है.
विनोद कुमार ने अपने पहले ही प्रयास में स्कूल लेक्चरर की परीक्षा पास कर अपनी कामयाबी की कहानी अपने मेहनत से लिखी है. विनोद कुमार चंबा जिला के भटियात क्षेत्र की जंदरोग पंचायत के ददरियाड़ा गांव के रहने वाले हैं. हाल ही में कॉमर्स लेक्चरर के परीक्षा परिणाम में रिजर्व कैटेगरी में प्रदेश भर में विनोद ने दूसरा स्थान हासिल किया है, जबकि अनारक्षित वर्ग में भी वो 20वें स्थान पर हैं. बेटे की इस उपलब्धि से माता पिता बेहद खुश हैं.
बेटे की कामयाबी से पिता तुलसी देवी और माता रेखा देवी की आंखों में खुशी के आंसू हैं. पिता तुलसी राम ने खच्चरों पर साम्मान ढोकर बेटे को पढ़ाया लिखाया. विनोद ने भी अपने पिता को निराश नहीं किया और मेहनत से ये मुकाम हासिल किया. विनोद का अगला लक्ष्य कॉलेज काडर को पास कर प्रोफेसर बनना है.
विनोद कुमार ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूल से पूरी की है, जबकि जमा दो के बाद उन्होंने धर्मशाला के डिग्री कॉलेज से बीकॉम की डिग्री हासिल की. इसके बाद विनोद कुमार ने बीएड और अब एमएड किया. विनोद कुमार ने बताया कि वो पिछले तीन साल से पढ़ाई के साथ साथ कमीशन की तैयारी कर रहे हैं. अब विनोद कुमार स्कूल में बच्चों को कॉमर्स विषय पढ़ाएंगे. अपने पहले ही प्रयास में उन्होंने स्कूल लेक्चरर की परीक्षा को उतीर्ण कर अपने माता पिता के साथ पूरे गांव का नाम रोशन किया है. अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने परिवार को गरीबी के दंश से आजाद करवा दिया.
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