बिलासपुर:मस्तूरी के पाली में ग्रेनाइट पत्थर से बनी भांवर गणेश की प्राचीन मूर्ति चोरी हो गई. अभी भी मूर्ति खोजने का काम जारी है. इस बीच पुलिस अपने तरीके से तफ्तीश कर रही है. पुलिस ने चोरों को पकड़ने के लिए इनाम की भी घोषणा कर दी है. डीएसपी लेवल पर अधिकारियों ने एक अलग टीम गठित की है. हर स्तर पर मूर्ति की सघन जांच जारी है. इस बीच ग्रामीण बैगा बाबा भी तंत्र-मंत्र के जरिए मूर्ति खोज रहे हैं. बैगा ने जल्द ही प्रतिमा मिल जाने का दावा किया है.
ग्रामीणों को बैगा पर अधिक विश्वास:छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में स्थित भांवर गणेश मंदिर में स्थापित गरुड़ भगवान की बेशकीमती मूर्ति काले ग्रेनाइट पत्थर से बनी हुई है. मूर्ति 10वीं शताब्दी की बताई जाती है. जानकारी के मुताबिक चोरी मूर्ति की कीमत इंटरनेशनल मार्केट में दो करोड़ रुपए है. इससे पहले भी चोरों ने चार बार इस मूर्ति को चुराया है. हर बार चोर पुलिस की पकड़ में आ जाता था. इस बार भी चोर को पकड़ने के लिए पुलिस ने न सिर्फ टीम गठित की है बल्कि चोरों के ऊपर इनाम भी घोषित कर दिया है. ग्रामीण पुलिस से ज्यादा बैगा बाबा की बात पर भरोसा कर रहे है. लेकिन पुलिस के डर से सामने आ कर कुछ भी कह नहीं पा रहे हैं.
डीएसपी लेवल की बनाई गई टीम: बताया जा रहा है कि प्राचीन मूर्ति के बारे में पता लगाने के लिए ग्रामीण अब बैगा के पास पहुंच रहे हैं. उन्हें बैगा द्वारा मूर्ति मिलने का आश्वासन दिया गया है. पुलिस टीम भी अपने स्तर से ढूंढ रही है. हालांकि पुलिस के हाथ कुछ लगा नहीं है. यहां तक की पुलिस की टीम अब तक सुराग तक नहीं जुटा पाई है. पुलिस ने ग्रामीण इलाके के संदेहियों पर नजर बनाए रखा है. पुलिस ने कुछ संदेहियों को पकड़ कर पूछताछ भी किया है. सीसीटीवी कैमरे में कैद मोटरसाइकिल सवारों के बारे में भी पता नहीं चल पाया है.
कुछ लोगों से पूछताछ जारी है. लगभग 50 संदेहियों से पुलिस पूछताछ कर रही है. कुछ सुराग भी मिल रहे हैं. इसके अलावा पुलिस ने चोरों के विषय में जानकारी देने वालों को या उन्हें पकड़वाने वालों को 5000 रुपए का इनाम देने की घोषणा की है. -अर्चना झा, एएसपी
चोर के बारे में बताने वाले पर इनाम की घोषणा:इस मामले में पुलिस ने करवाई तेज कर दी है. तकरीबन 50 से अधिक संदेहियों को पकड़ कर पूछताछ की जा रही है. पुलिस इससे पहले मूर्ति चोरी करने वाले पुराने चोरों से भी पूछताछ कर रही है. पहले भी प्रतिमा चार बार चोरी हो चुकी है. इससे पहले साल 2022 में प्रतिमा चोरी हुई थी, जिसमें प्रतिमा का एक हाथ खंडित कर दिया गया था. इससे पहले साल 2004, 2006, 2007 और 2022 में चोरी हुई थी.