देहरादून:लोकसभा चुनाव का काउंटडाउन शुरू हो गया है. ऐसे में ग्रामीणों की राय और उनके क्षेत्र की समस्याओं को जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम राजधानी से करीब 20 किलोमीटर दूर सरखेत गांव पहुंची, जहां स्थानीय ग्रामीणों से तमाम समस्याओं और उनके चुनावीं मुद्दों पर बातचीत की. बता दें कि सरखेत गांव, देहरादून जिले का एक पिछड़ा गांव है, जहां की समस्याएं जस की तस बनी हुई हैं. इस गांव में साल 2022 में आपदा आई थी, जिसके बाद भारी तबाही मची थी. बरसाती सीजन के दौरान ग्रामीणों की समस्याएं और अधिक बढ़ जाती हैं.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए ग्रामीणों ने तमाम समस्याओं को बताया. जिसमें मुख्य रूप से ग्रामीण अभी से बरसाती सीजन में होने वाली दिक्कतों से परेशान नजर आ रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि वर्तमान स्थिति यह है कि ग्रामीणों को शहर जाने में काफी अधिक पैदल चलना पड़ता है, लेकिन जब बरसात का सीजन शुरू होता है, तो वह गांव में कैद हो जाते हैं, क्योंकि आने-जाने का रास्ता नहीं है. उन्होंने कहा कि पीने के पानी की व्यवस्था, स्कूल की व्यवस्था समेत तमाम दिक्कतों से अभी भी दो-चार होना पड़ रहा है.
साल 2022 में आपदा आने के बाद उनकी कृषि भूमि पूरी तरह से बर्बाद हो गई है. साथ ही पानी की किल्लत होने की वजह से कृषक भूमि पर सिंचाई भी नहीं कर पा रहे हैं. सबसे अहम बात यह है कि इस गांव में जाने के लिए कोई बेहतर रास्ता नहीं है. आपदा आने के बाद अत्यधिक मलबा आने के चलते सड़कें पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गई हैं. ऐसे में इन ग्रामीणों को शहर आने के लिए मलबे के ऊपर से ही चलकर आना पड़ता है. इन तमाम स्थानीय समस्याओं को देखते हुए ग्रामीणों का कहना है कि 19 अप्रैल को होने वाले मतदान के दौरान इन तमाम समस्याओं को ध्यान में रखते हुए ही वो मतदान करेंगे.