रामनगर:नैनीताल जिले के रामनगर में हादसे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. पूर्व में कई लोग हादसों में जान गंवा चुके हैं. जिसको लेकर लोगों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है. लोगों का कहना है कि शहर में तेज रफ्तार वाहन हादसे का सबब बन रहे हैं. उन्होंने पुलिस-प्रशासन से जल्द तेज रफ्तार वाहनों पर लगाम लगाने की मांग की. वहीं ग्रामीणों ने प्रशासन से स्कूल टाइम और छुट्टी के समय भारी वाहनों की आवाजाही रोकने की मांग की.
सड़कों पर काल बनकर दौड़ रहे डंपर, घटना के बाद भी नहीं जाग रहा प्रशासन, ग्रामीण मुखर - Ramnagar News
Ramnagar Rural Protest रामनगर में ग्रामीणों ने स्कूल टाइम में भारी वाहनों की आवाजाही रोकने की मांग की है. ग्रामीणों का कहना है कि पूर्व में कई घटनाएं हो चुकी हैं, इसके बाद भी प्रशासन नींद से नहीं जाग रहा है. गुस्साए ग्रामीणों ने मांग पूरी ना होने पर लोकसभा चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Jan 24, 2024, 12:26 PM IST
|Updated : Jan 24, 2024, 1:54 PM IST
गौर हो कि रामनगर के जस्सा गांजा क्षेत्र के राजकीय इंटर कॉलेज के गेट के सामने स्कूल एक बच्ची डंपर की चपेट में आने से बच गई. वहीं घटना के बाद आक्रोशित ग्रामीणों ने प्रदर्शन कर विरोध जताया. इस दौरान मार्ग पर वाहनों की लंबी कतार लग गई. ग्रामीणों का कहना है कि आए दिन सड़क हादसे में लोग जान गंवा रहे हैं. कहा कि कुछ समय पहले एक बच्ची की डंपर से कुचलकर मौत हुई थी और प्रशासन ने तब यहां पर स्कूल के समय व छुट्टी के समय वाहनों की आवाजाही बंद की थी. ग्रामीणों ने पुनः स्कूल समय और छुट्टी के समय डंपरों की आवाजाही बंद करने की मांग की. मौके पर पहुंचे उपजिलाधिकारी राहुल शाह ने ग्रामीणों से बात की. इस दौरान उपजिलाधिकारी राहुल शाह ने कहा कि दो माह पूर्व ही वाहन स्वामियों को निर्देशित किया गया है कि वह स्कूल के आगमन व छुट्टी के समय वाहनों की आवाजाही ना करें.
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साथ ही उन्होंने कहा कि ओवरलोड व नियमों के विरुद्ध चलने वाले वाहनों को चिन्हित कर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. बता दें कि मौके पर मौजूद कुछ डंपरों के पीछे कोई नंबर प्लेट भी नहीं थी और वह डंपर ओवरलोड भी थे. वहीं उपजिलाधिकारी राहुल शाह व तहसीलदार कुलदीप पांडे के घटनास्थल पहुंचने पर डंपर चालक वाहन लेकर भाग गए. कुछ वाहनों को पकड़कर प्रशासन द्वारा कार्रवाई की गई. वहीं मौके पर मौजूद आक्रोशित महिलाओं और लोगों ने स्थिति ठीक ना होने पर आगामी लोकसभा के चुनाव के बहिष्कार का ऐलान किया.