देवघर: झारखंड सरकार के द्वारा 'अबुआ आवास' योजना की शुरुआत की गई, जिसके अंतर्गत राज्य के गरीब लोगों को तीन कमरों का पक्के का मकान बनाकर दी जाती है. इस योजना को झारखंड सरकार के द्वारा महत्वाकांक्षी योजना के रूप में देखी जाती है. लेकिन देवघर जिले में इस योजना को लेकर लाभुकों द्वारा गबन और उगाही का आरोप लगाया गया है. दरअसल, देवघर जिले के कचुवाबांक पंचायत के ग्रामीणों ने सारठ के प्रखंड विकास पदाधिकारी के कार्यालय में आवेदन देकर शिकायत की है. ग्रामीणों ने आरोप लगाया है कि वैसे लोगों को अबुआ आवास योजना का लाभ मिल रहा है जो इसकी श्रेणी में नहीं आते हैं और जिन लोगों को सच में इस योजना की आवश्यकता है वह अभी तक इस योजना से वंचित हैं.
शिकायत लेकर ब्लॉक पहुंचे ग्रामीण
अपनी शिकायत लेकर ब्लॉक पहुंचे एमडी नियाज मिर्जा ने कहा कि अबुआ आवास योजना की जब पहली सूची आई थी तो उसमें भी गड़बड़ी देखने क्यों मिली. इसे लेकर तत्कालीन सारठ के बीडीओ से शिकायत भी की गई थी. इसके बावजूद कुछ दिन पहले जब दूसरी सूची आई तो उसमें भी वैसे लोगों को इस योजना का लाभ दिया गया, जो आर्थिक रूप से मजबूत है. जिन्हें सच में आवास की आवश्यकता है वे बेचारे आज भी मिट्टी के मकान में रह रहे हैं. वैसे लोगों को इस योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है.
वहीं, एक अन्य शिकायतकर्ता का कहना है कि इस योजना में पंचायत सचिव मुखिया पंचायत समिति और वार्ड सदस्यों द्वारा लाभुकों से 20,000-25,000 रुपये तक रिश्वत ली जाती है और घूस लेने के बाद सूची में अयोग्य लोगों का नाम जोड़ दिया जाता है. जबकि एक अन्य शिकायतकर्ता ने बताया कि यदि इसी तरह अबुआ आवास योजना में गड़बड़ी होती रही तो जो वाजिब लाभुक है वह इस योजना से वंचित रह जाएंगे.
जांच के लिए की जाएगी टीम गठित