मंडी: कांग्रेस प्रत्याशी व लोक निर्माण के विभाग मंत्री विक्रमादित्य ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मंडी संसदीय क्षेत्र व हिमाचल के लिए अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं. उन्होंने कहा कि प्रदेश के जवानों ने सेना में देश के लिए शहादत दी है. उनकी भावनाएं सैनिक परिवारों के साथ जुड़ी हैं. ऐसे में जब वह जीतकर संसद में जाएंगे तो वह हिमाचल के लिए सेना में अलग रेजिमेंट की मांग करेंगे. इसके लिए वह लोकसभा व केंद्रीय रक्षा मंत्रालय के समक्ष प्रमुखता से इस मु्द्दे को उठाएंगे.
विक्रमादित्य ने कहा हम जानते हैं कि डिफेंस में राज्यों को तवज्जो नहीं दी जाती लेकिन हमारे प्रदेश में अधितम युवा सेना में भर्ती होकर देश की सेवा कर रहे हैं. हिमाचल रेजिमेंट का मुद्दा कोई राजनीतिक नहीं है बल्कि यह प्रदेश के उन शहीदों के लिए शहादत होगी जिन्होंने कारगिल व अन्य लड़ाइयों में अपने प्राणों की आहुति दी थी. इसके अलावा विक्रमादित्य ने कहा जोगिंदर नगर व सरकाघाट की बेल्ट रिटायर सैनिकों का हब है. वह यहां पर एक सीएसडी डिपो को खुलवाने का काम करेंगे.
ओपीएस से ना हो छेड़छाड़
कांग्रेस प्रत्याशी विक्रमादित्य ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा कि अगर गलती से प्रदेश में दोबारा जयराम की सरकार बन गई तो वह आते ही ओपीएस को डिनोटिफाई कर देंगे. ऐसे में चुनावों के बाद कांग्रेस पार्टी विधानसभा में ओपीएस को लेकर एक कानून पारित करेगी जिसे भविष्य में कोई भी सरकार छेड़ ना सके. इससे कर्मचारियों का अधिकार सुरक्षित होगा. वहीं, उन्होंने प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों से सरकार की स्थिरता के लिए काम करने की अपील की. कांग्रेस प्रत्याशी ने कहा केंद्र सरकार के पास अभी राज्य के कर्मचारियों का 9 हजार करोड़ रुपये लंबित है. इस मुद्दे को भी वह लोकसभा में उठाएंगे.