नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी में दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर एक बार फिर से सवाल खड़े हुए हैं. ताजा मामला आउटर नॉर्थ दिल्ली के समयपुर बदली थाने से सामने आया है. जहां विजिलेंस डिपार्टमेंट ने छापेमारी कर दिल्ली पुलिस के एक असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर (ASI) को रिश्वत लेते रंगेहाथों गिरफ्तार किया.
दरअसल, चोरी के एक मामले में क्लोजर रिपोर्ट फाइल करने के लिए असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर ने 35,000 रुपए की डिमांड की. मामला 25,000 रुपए में तय हुआ. लेकिन जिन लोगों ने इस डील को फाइनल किया था, उन्होंने ही इस बात की जानकारी बाराखंबा स्थित विजिलेंस डिपार्टमेंट के हेड ऑफिस में दे दी.
विजिलेंस डिपार्टमेंट के हेल्पलाइन नंबर 1064 पर फोन करके इस पूरे मामले की शिकायत की गई. इसके बाद विजिलेंस डिपार्टमेंट की तरफ से एक टीम का गठन किया गया. फिर टीम ने पहले जाल बिछाया और जैसे ही डील करने वाले व्यक्ति ने रिश्वत की रकम असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर को सौंपा, इशारा मिलते ही विजिलेंस की टीम ने थाने में छापा मार दिया. इस दौरान एएसआई कृष्ण चंद्र से तलाशी लेकर पूछताछ की गई तो उसके पास से 25,000 रुपए निकले. जिसमें पहले से ही विजिलेंस डिपार्टमेंट ने केमिकल लगाया था.
बता दें, 24 अक्टूबर को विजिलेंस डिपार्टमेंट को ऑनलाइन कंप्लेंट की गई थी. इसी ऑनलाइन कंप्लेंट के आधार पर विजिलेंस की टीम ने कार्रवाई की और दिल्ली पुलिस के समयपर बदली थाने में छापा मारा. फिलहाल पुलिस पकड़े गए असिस्टेंट सब इंस्पेक्टर से पूछताछ कर रही है. लेकिन जिस तरीके से भ्रष्टाचार के इस बड़े मामले का खुलासा हुआ है, उसके बाद दिल्ली पुलिस की कार्यशाली पर सवाल उठने लगा है.
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