विदिशा। विदिशा के जयंत पांचखेड़े की 81 वर्ष की आयु में मौत हो गई. जयंत पांचखेड़े उर्फ भाऊ साहब की मृत्यु उनके जन्मदिन मनाने के अगले ही दिन हो गई. भाऊ साहब ने देह दान का संकल्प लिया था जिसे ध्यान में रखते हुए उनके परिवार के सदस्यों ने मरणोपरांत उनके शरीर को मेडिकल कॉलेज में दान कर दिया. जयंत पांचखेड़े हमेशा समाज सेवा के कार्यों से जुड़े रहे. बता दें कि विदिशा का यह 18वां देहदान था और यहां देहदान को लेकर लोगों को जागरूक किया जा रहा है.
देहदान के प्रति बढ़ रही है जागरूकता
विदिशा जिले में देहदान और नेत्रदान को लेकर लगातार लोगों में जागरूकता बढ़ रही है. भाऊ साहब के देहदान को मिलाकर जिले में 18 देहदान किए जा चुके हैं. 81 वर्षीय जयंत पांचखेड़े ने 4 जुलाई 2020 को शेरपुरा विदिशा स्थित सेवा घर में आकर देहदान का संकल्प लिया था. उन्होंने अपनी देहदान वसीयत में लिखा था कि 'मेरी मृत्यु के बाद मृत शरीर को किसी भी मेडिकल कॉलेज में दान कर दिया जाए.' बता दें कि समाजसेवी विकास पचौरी लोगों से मरणोपरांत नेत्रदान और देहदान के लिए संकल्प पत्र भरवाते हैं.
मानव सेवा में जुड़े रहते थे भाऊ साहब
भाऊ साहब हाजी वली तालाब के पास दुर्गा नगर में रहते थे. वे पीएचई विभाग से रिटायर्ड होने के बाद से समाज सेवा कार्यों में जुड़े रहते थे. सेवा भारती विदिशा और विकास पचौरी फाउंडेशन के साथ मिलकर वे मानव सेवा किया करते थे. उन्होंने दुर्गा नगर में हाजी वली तालाब के नजदीक अपने खर्च पर एक शिव मंदिर का निर्माण भी कराया था. उनके जन्मदिन पर पूरे परिवार ने धूमधाम से उनका जन्मदिन मनाया और अगले ही दिन उनकी मौत हो गई.