जोधपुर :उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा कि व्यक्ति का स्वास्थ्य सर्वोत्तम और प्राथमिक चिंता का विषय है, क्योंकि अच्छा स्वास्थ्य न केवल व्यक्तिगत प्रयासों के लिए आवश्यक है, बल्कि समाज के अच्छे स्वास्थ्य के लिए भी जरूरी है. उन्होंने डिजिटल जीवनशैली के साथ पेश आ रहे जोखिमों को रोकने में चिकित्सकों की भूमिका पर भी बात की. जोधपुर एम्स में आयोजित राष्ट्रीय चिकित्सा विज्ञान अकादमी (NAMS) के 64वें दीक्षांत समारोह में को संबोधित करते हुए उपराष्ट्रपति ने यह बातें कही.
उन्होंने आगे कहा कि इस पेश के व्यवसायीकरण और नैतिक ह्रास पर बात होना जरूरी है. चिकित्सक पेशेवरों को संरक्षक के रूप में सेवा करनी होती है और यह भूमिका भारत में और भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत दुनिया की बड़ी आबादी का घर है. इससे पहले समारोह में उपाधियों का वितरण किया गया. इस अवसर पर एनएएमएस के अध्यक्ष डॉ. शिव सारिन, केंद्रीय सवास्थ्य मंत्रालय के सचिव डॉ. पुण्यश्री श्रीवास्तव, डॉ. राजेश सुधीर गोखले, एम्स के निदेशक डॉ. जी.डी. पुरी सहित अन्य लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम के बाद उपराष्ट्रपति वापस दिल्ली के लिए रवाना हो गए.
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ (ETV BHARAT JODHPUR) इसे भी पढ़ें -देश की आजादी, जनजाति स्वाभिमान और मिट्टी की मर्यादा के लिए भगवान बिरसा मुंडा का योगदान अविस्मरणीय: धनखड़
डिजिटल जीवनशैली दे रही जोखिम :डिजिटल जीवनशैली से उत्पन्न जोखिमों को लेकर चेतावनी देते हुए व रोग निवारक स्वास्थ्य शिक्षा की आवश्यकता पर जोर देते हुए धनखड़ ने कहा कि मैं स्वास्थ्य विशेषज्ञों से अपील करता हूं कि कृपया स्वास्थ्य शिक्षा को बढ़ावा दें. विशेष ध्यान डिजिटल जीवनशैली पर दें. यह डिजिटल जीवनशैली जोखिमों के साथ आ रही है. यह हमारे अस्तित्व संबंधी खतरे पैदा कर सकती है. आप परिवारों को इस बारे में शिक्षा दें, ताकि वे इसे शुरुआत से ही समझें. हमारे युवा ड्रग्स का सेवन कर रहे हैं, डिप्रेशन में जा रहे हैं. मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं और यह स्थिति एक ऐसे देश में है, जिसे आईएमएफ ने वैश्विक निवेश और अवसरों का पसंदीदा स्थल बताया है. इसलिए उन्हें इस स्क्रीन प्रधान दुनिया के आकर्षण से दूर करने के लिए बड़े पैमाने पर सहयोग की आवश्यकता है.
स्वदेशी उपकरणों के उपयोग पर दें जोर :विकसित भारत 2047 के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वस्थ समाज की आवश्यकता को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था में अभूतपूर्व वृद्धि हो रही है और अवसंरचना में भी शानदार विकास हुआ है. इसलिए यह जरूरी है कि देश का हर नागरिक स्वस्थ रहे. स्वदेशी निर्मित चिकित्सा उपकरणों के समर्थन की आवश्यकता को व्यक्त करते हुए धनखड़ ने कहा कि हमें स्वदेशी निर्मित चिकित्सा उपकरणों के उत्पादन को बढ़ावा देना चाहिए. देश में चिकित्सा उपकरणों का निर्माण करने की दिशा में कार्य तेज होना चाहिए, जिससे न केवल देश के लिए, बल्कि दुनिया के लिए भी उत्पाद तैयार किए जा सकें.
पहला सुख निरोगी काया : हमारे प्राचीन ग्रंथों और शास्त्रों में स्वास्थ्य पर दिए गए महत्व को रेखांकित करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि हमारे ऋषि-मुनियों ने बहुत सही कहा- 'पहला सुख निरोगी काया!' उन्होंने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दी. हमारे वेद, पुराण और उपनिषद ज्ञान और बुद्धि के खजाने हैं. हमें इन पर ध्यान देना चाहिए. उन्होंने जीवन में संतुलन के महत्व को लेकर 'भगवद गीता' का उल्लेख करते हुए कहा कि मैं विशेष रूप से भगवद गीता के एक श्लोक पर ध्यान आकर्षित करना चाहता हूं. छठे अध्याय के 16 वें श्लोक का संस्कृत में उच्चारण करते हुए उसका अर्थ बाताते हुए कहा कि श्लोक यह बताता है कि आहार, सोच, मनोरंजन और क्रिया में संतुलन जीवन के लिए आवश्यक हैं. श्री कृष्ण ने यह कहा है कि बहुत अधिक भोजन खाना या भूखा रहना और बहुत अधिक सोना या लगातार जागना, दोनों ही स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं.