जयपुर:अब तक गोरक्षा और लव जिहाद को लेकर काम करने वाला बजरंग दल अब मतांतरण के खिलाफ भी काम करेगा. इसके साथ ही युवाओं में बढ़ती नशे की लत के खिलाफ जागरूकता लाने के लिए रन फॉर हेल्थ का आयोजन करेगा. इसमें देश भर के 7 हजार स्थानों पर 10 दिन में युवा जागरुकता के लिए दौड़ेंगे. बजरंग दल की राष्ट्रीय बैठक में शामिल होने के लिए जयपुर पहुंचे विश्व हिंदू परिषद के संगठन महामंत्री मिलिंद पराण्डे ने यह जानकारी दी. उन्होंने तिरुपति बालाजी के प्रसाद में पशु चर्बी और मछली का तेल मिलने पर चिंता व्यक्त करते हुए देश के सभी मंदिरों को सरकार की बजाय हिंदू समाज को सौंप देना चाहिए.
मतांतरण के खिलाफ काम करेगा बजरंग दल (Video ETV Bharat Jaipur) बजरंग दल की रन फॉर हेल्थ : बजरंग दल के कार्य विस्तार को लेकर चल रही राष्ट्रीय बैठक में देश के सभी प्रान्तों के 100 से ज्यादा कार्यकर्ता शामिल हुए हैं. इस बैठक में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए मिलिंद परांडे ने बताया कि युवाओं में नशा मुक्ति के लिए बजरंग दल ने नवंबर महीने में एक कार्यक्रम की योजना बनाई है. इसके तहत पूरे देश में हर प्रखंड स्तर तक रन फॉर हेल्थ के तहत नशा मुक्ति के लिए लाखों युवा दौड़ेंगे. नशा मुक्ति को लेकर ये देशभर में अब तक का सबसे बड़ा कार्यक्रम होगा. देश में 10 दिन में करीब 7000 स्थान पर ये आयोजन कराया जाएगा.
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हिंदू जनसंख्या असंतुलन के चार कारण :उन्होंने कहा कि देश भर में अनेक क्षेत्रों में हिंदू जनसंख्या में असंतुलन हो रहा है. मतांतरण करने का षड्यंत्र चल रहा है. मतांतरण की चुनौती को भी बजरंग दल अपने हाथ में लेगा. उन्होंने कहा कि अब बजरंग दल पूरे देश में फोकस करेगा. उन्होंने कहा कि बीते 4-5 सालों में देश के 10 राज्यों में मतांतरण के खिलाफ कानून आ गया है. चूंकि ये नेशनल समस्या है, इसलिए इसका कोई केंद्रीय कानून होना ही चाहिए. इस संबंध में सभी राजनीतिक दलों से बात की जाएगी.
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देश में बढ़े महिला मिसिंग के मामले:उन्होंने आंकड़ों के हवाले से बताया कि 8000 से 9000 कन्याओं की हर वर्ष घर वापसी होती है. फिर उनका पुनर्विवाह करवाया जाता है. गृह मंत्रालय के बीते ढाई साल के आंकड़ों के अनुसार 13 लाख महिलाएं भारत में मिसिंग हुई है. उसमें तीन लाख महिलाएं 18 वर्ष से कम की हैं. बजरंग दल आज के कानून के दायरे में रहकर जो भी कदम उठा सकता है, वो करेगा.
मंदिरों का संचालन हिंदू समाज को दिया जाए:मिलिंद परांडे ने कहा कि तिरुपति बालाजी में मंदिर में लड्डू प्रसाद में पशु की चर्बी, मछली का तेल मिलाकर देने का मामला हिंदू समाज की आस्था का घोर अपमान है. ये मंदिर सरकार के अधीन है. हिंदू मंदिरों के साथ ये पक्षपात है. विश्व हिंदू परिषद की ये मांग है कि सारे मंदिर हिंदू समाज को सौंप देने चाहिए. भारत के दक्षिणी हिस्से में ये समस्या ज्यादा बढ़ी है. यहां एक-एक राज्य में हजारों मंदिर सरकारी नियंत्रण में है. विश्व हिंदू परिषद के संगठन महामंत्री ने कहा कि देश में कई जगह गणपति उत्सव के दौरान हुए हमले हुए है. ऐसे तत्वों को बहुत कठोरता से कुचलने की आवश्यकता है. ऐसे तत्वों को ढूंढकर कठोर कार्रवाई की जानी चाहिए.
पलायन नहीं बल्कि पराक्रम दिखाने का समय:उन्होंने जयपुर में हो रहे हैं हिंदुओं के पलायन के मामलों पर कहा कि हिंदू समाज को ऐसी स्थिति बनानी चाहिए कि वह पलायन न करें. क्योंकि अभी पलायन नहीं बल्कि पराक्रम दिखाने का समय है. उन्होंने कहा कि देश मे बहुसंख्यक समाज का कल्याण ही देश का कल्याण है. बहुसंख्यक समाज का अपमान करके देश का कल्याण नहीं हो सकता है.
देश भर में होंगे त्रिशूल दीक्षा के कार्यक्रम :परांडे ने कहा कि त्रिशूल देशभर में हिंदू समाज की आस्था का प्रतीक है. त्रिशूल दीक्षा के कार्यक्रम ज्यादा से ज्यादा करने का प्रयास किए जाएंगे. उन्होंने बताया कि वंचित वर्ग के स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार के क्षेत्र में भी विश्व हिंदू परिषद का काम 500 से ज्यादा जिलों में पहुंच गया है. विश्व हिंदू परिषद आर्थिक संगठन नहीं है, फिर भी 14 हजार लोगों को स्वरोजगार दिया है.