जयपुर :बरसात का सीजन खत्म होने के बावजूद प्रदेश में सब्जियों के दाम आसमान छू रहे हैं. इसके कारण चौके का बजट पूरी तरह से गड़बड़ हो चुका है. हालत ये है कि जायका बढ़ाने के लिए लगने वाला छोंक अब मुश्किल हो गया है. जयपुर के खुदरा बाजार में करीब करीब हर सब्जी का भाव 50 रुपए प्रति किलो से ऊपर जा चुका है. यहां तक कि आलू-प्याज भी अब बस में नहीं है. ऐसे में आम आदमी अब राहत का इंतजार कर रहा है.
झोटवाड़ा में सब्जी का व्यापार करने वाले त्रिलोक के मुताबिक बरसात के कारण फिलहाल सब्जियां महंगी हैं और दीपावली के बाद तक सब्जी की कीमतों में कमी आने के आसार हैं. वहीं, दिलखुश मीणा भी कहते हैं कि सब्जियां बहुत महंगी हो रही हैं और अब ग्राहक उनसे पूछ रहे हैं कि कब तक सब्जियों के दाम नीचे आएंगे.
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जयपुर में सब्जियों की थोक मंडी मुहाना के कारोबारी पुरुषोत्तम नागवानी बताते हैं कि बारिश की वजह से सब्जी बाजार में मांग की तुलना में आपूर्ति कम होने से भावों में उछाल जारी है. माना जा रहा है कि सर्दी का मौसम शुरू होने के बाद सब्जियों के भाव जमीन पर आएंगे. टी स्टॉल चलने वाले हनी शर्मा का कहना है कि अदरक महंगी होने के कारण वे अब ग्राहकों से लगातार उलाहना सुन रहे हैं. अदरक की कीमत अभी तक 300 रुपए प्रति किलो है.
सब्जियों के भाव (ETV Bharat GFX) हर सब्जी का दाम पहुंच से बाहर :रसोई में छोंक के काम आने वाला लहसुन फिलहाल 400 रुपए प्रति किलो की दर से बिक रहा है. अदरक की कीमत 300 रुपए प्रति किलो तक जा पहुंची है. चटनी के साथ दाल का ज़ायका बढ़ाने के लिए काम आने वाला धनिया कभी मुफ्त मिला करता था, वह अभी 300 रुपए प्रति किलो की दर पर बिक रहा है. मिर्च की कीमत में भी उछाल आया है और यह 80 से 100 रुपए प्रति किलो की कीमत पर मिल रही है. मंडी में आलू 40 रुपए किलो, टमाटर 60 रुपए किलो, पालक 80 से 100 रुपए प्रति किलो, भिंडी 50 रुपए प्रति किलो, लौकी 50 रुपए प्रति किलो, नींबू 200 रुपए किलो, खीरा 50 रुपए किलो, कद्दू 50 रुपए किलो और टिंडा 80 रुपए किलो की दर पर बिक रहा है.
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घर की सब्जियों के भरोसे गृहणियां :रसोई का बजट संभालने वाली महिलाओं को सब्जी के भाव वृद्धि से जूझना पड़ रहा है. ऐसे में थाली में मंडी की सब्जी की तुलना में अब घर पर तैयार होने वाली सब्जियों को तवज्जो मिलने लगी है. सीजनल और हरी सब्जी की जगह थाली में दाल, कढ़ी, गट्टे, राजमा, चने और पापड़ की सब्जी परोसी जा रही है.
सब्जियों का परिवहन भी हुआ मुश्किल :जयपुर समेत पूरे प्रदेश में सीजनल और हरी सब्जियों में से ज्यादातर बाहर से आ रही है. स्थानीय स्तर पर सब्जी का उत्पादन कम मात्रा में होता है. ऐसे में भिंडी, करेला, टिंडा, गवार फली, हरी मिर्च, शिमला मिर्च, लौकी, अरबी, तुरई, टमाटर और अन्य सब्जियां मध्य प्रदेश , छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और गुजरात से आ रही हैं. इस वक्त हरी मिर्च भी गुजरात से लाई जा रही है, जिसके कारण सब्जियों की कीमत के ऊपर जाना लोगों में अब मुश्किल पैदा कर रहा है ऊपर से बरसात के बाद खराब सड़के और खेतों में खड़ी उपज के खराब होने से भी सब्जियों की कीमत में फर्क दिखा है.