वाराणसी: शहर के विस्तारीकरण के साथ शहरी सीमा के विस्तार को लेकर नए गांव को वाराणसी विकास प्राधिकरण ने अपनी परिधि में शामिल किया है. लगभग 800 से ज्यादा ऐसे गांव हैं जिनके शहरी क्षेत्र में आने के बाद 2031 की महायोजना के अंतर्गत शहर का विस्तार हो सकेगा. इस महायोजना के अंतर्गत एक तरफ जहां रामनगर मुगलसराय क्षेत्र को महायोजना से जोड़ा जाएगा, तो दूसरी तरफ एयरपोर्ट से सटे तमाम इलाकों के साथ अन्य कई इलाकों के भी विस्तारीकरण और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का काम हो सकेगा, लेकिन इसे लेकर महायोजना 2021 के तहत लैंड यूज एक बड़ा मुद्दा है.
बड़ा सवाल, जमीन का इस्तेमाल कैसे होगाः महायोजना में शामिल इलाकों में मौजूद जमीन का इस्तेमाल किस स्तर पर होगा, वहां पर किस चीज का निर्माण संभव होगा. यह जानना बेहद अनिवार्य है. इसे लेकर इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों को या तो ऑफिसेज के चक्कर काटने पड़ते हैं या फिर परेशानी का सामना करना पड़ता है, लेकिन इसके लिए परेशान होने की जरूरत नहीं है. घर बैठे आप इस जानकारी को भी हासिल कर सकते हैं या फिर वाराणसी विकास प्राधिकरण के दफ्तर पहुंचकर हेल्प सेंटर पर पहुंचकर भी आपकी समस्या का समाधान हो सकता है. अगर आपको अपनी लैंड यूज की जानकारी नहीं है तो बहुत ही आसानी से आप इस बारे में पता कर सकते हैं.
विकास की महायोजना आकार ले रहीः वाराणसी विकास प्राधिकरण महायोजना को लेकर तेजी से कम कर रहा है. 2031 महायोजना के तहत शहर के विस्तारीकरण की रूपरेखा खींची जा रही है. इस बारे में वाराणसी विकास प्राधिकरण के टाउन प्लानर प्रभात कुमार का कहना है कि लोग वाराणसी विकास प्राधिकरण में पहुंचकर इस बात को लेकर अक्सर परेशान दिखाई देते हैं कि उनकी जमीन का इस्तेमाल किस स्तर पर किया जा सकता है, यानी निर्धारित मानक के अनुसार लैंड यूज क्या होगा. यह प्रक्रिया तब डिसाइड होती है जब आप अपनी जमीन पर किसी निर्माण के लिए एप्लीकेशन देते हैं. इसके पहले ही यदि आप अपने लैंड यूज के बारे में जानकारी हासिल करके प्लान बनाएंगे तो और भी बेहतर तरीके से उसे पर काम किया जा सकेगा.
ऐसे दूर करिए ये भ्रमःउन्होंने बताया कि इसे लेकर लोगों में बहुत ही कंफ्यूजन होती है. सबसे बड़ी बात यह है कि आर्किटेक्चर पॉइंट ऑफ व्यू से जब आप किसी भी नक्शे के लिए अप्लाई करें तो इस बात का ध्यान रखें कि आपका क्षेत्र नगर निगम सीमा में है या नहीं, यदि वह नगर निगम सीमा में नहीं है तो आपको किसी तरह के एनओसी की भी जरूरत नहीं होगी. अक्सर लोग बेवजह नगर निगम को परमिशन के लिए सिलेक्ट करके परेशान होते हैं, यदि आपकी लैंड नगर निगम सीमा में नहीं है तो आपको किसी भी तरह के अनापत्ति यानी नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं होगी.
इन बातों का रखें ध्यान: प्रभात कुमार का कहना है कि इस दौरान स्टेप बाय स्टेप जब चींजे क्लियर होती हैं तो एक मामला लैंड यूज का फंसता है. लैंड यूज के बारे में जानकारी न होने की वजह से कोई भी अपनी जमीन पर कुछ प्लान करता है, लेकिन बाद में जब उसे पता चलता है कि वह जमीन किसी अन्य उपयोग के लिए निर्धारित है तो समस्या होती है. इसलिए सबसे आसान तरीका है कि घर बैठे ऑनलाइन व्यवस्था के तहत इस बारे में जानकारी हासिल की जा सकती है.