वाराणसी :शहर दक्षिणी विधानसभा से सात बार विधायक रहे, भाजपा के वृद्ध नेता श्यामदेव राय चौधरी का आज लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. वह वाराणसी के रवींद्र पुरी स्थित एक निजी अस्पताल में भर्ती थे. हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनका हाल-चाल लेने के लिए उनके बेटे से फोन पर बात की थी. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कुछ दिन पहले ही उनका हालचाल जानने के लिए खुद अस्पताल पहुंचे थे. उन्होंने मुलाकात भी की थी. श्याम जी राय चौधरी वाराणसी में सबसे ज्यादा चुने जाने वाले विधायक थे.
85 वर्ष की अवस्था में श्यामदेव राय चौधरी की तबीयत अचानक खराब होने की वजह से उनको पिछले दिन अस्पताल में भर्ती कराया गया था. पूरा बनारस और बीजेपी के बड़े नेता भी उन्हें दादा के नाम से ही पुकारते थे. भारतीय जनता पार्टी अपने इस बुजुर्ग प्रत्याशी पर ही भरोसा जताती थी. वह सात बार शहर दक्षिणी विधानसभा से चुनाव जीते थे.
पार्षद के तौर पर सियासी सफर की शुरुआत :1968 में पार्षद के तौर पर उन्होंने अपने सियासी सफर की शुरुआत की थी और 1985 में पहले विधानसभा चुनाव को लड़ने के दौरान उन्हें हर का सामना करना पड़ा था, 1989 में वह पहली बार विधायक चुने गए थे.
जमीन से जुड़े रहना उनका स्वभाव था :बेहद सादगी भरा जीवन जीने वाले दादा हमेशा रिक्शे से या फिर पैदल ही चलते नजर आते थे. विधायक रहते हुए उन्होंने कभी भी ना ही सरकारी सुविधा का लाभ लिया नहीं गाड़ियों का इस्तेमाल किया जाने आने के लिए अक्सर वह स्थानीय लोगों की मोटरसाइकिल पर बैठकर ही कहीं सफर पर निकल जाया करते थे. चाय और पान की दुकान पर इनसे अक्सर लोग मिलते थे. श्यामदेव राय चौधरी की छवि बेहद ही सादगी भरी मानी जाती रही.
वफादार कैंडिडेट होने पर भी काटा गया टिकट :2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने अपने इस पुराने और सबसे वफादार कैंडिडेट का टिकट काट दिया, और नीलकंठ तिवारी को टिकट दिया गया. इस पर श्याम देवराय चौधरी बेहद नाराज भी हुए थे. अपना टिकट कटने के बाद वह बेहद परेशान भी . राजनीति के जानकार लोग उस वक्त बीजेपी को दक्षिणी में हार मिलने की बात कर रहे थे, क्योंकि श्याम देवराय चौधरी ने उस वक्त अपने हाथ प्रचार से खींच लिए थे. हालांकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मनाए जाने के बाद, वह मान गए थे, और बाद में कुछ जगहों पर वह प्रचार के लिए भी गए थे. श्याम देवराय चौधरी की छवि बेहद अच्छी मानी जाती रही है.