देहरादून:उत्तराखंड प्रीमियर लीग की क्लोजिंग सेरेमनी में उत्तराखंड के लोक कलाकारों का मौका दिया गया. गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी, पांडवाज ग्रुप को उत्तराखंड प्रीमियर लीग की क्लोजिंग सेरेमनी पर बुलाया गया. इस मौके पर ईटीवी भारत ने यूपीएल में उत्तराखंडियत को पेश करने वाले इन कलाकारों से खास बातचीत की. ईटीवी भारत ने ओपनिंग सेरेमनी विवाद से लेकर क्लोजिंग सेरेमनी के फैसले पर उनकी प्रतिक्रिया जानी. साथ ही इस तरह के आयोजन उत्तराखंड की लोक संस्कृति, कला के लिए कितने जरूरी हैं, इस पर भी खुलकर बात की.
रविवार 22 सितंबर को देहरादून के राजीव गांधी इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में शाम को 7 बजे नैनीताल और उधम सिंह नगर के बीच होने वाले उत्तराखंड प्रीमियर लीग के फाइनल से पहले ग्राउंड में म्यूजिक कॉन्सर्ट आयोजित किया गया. जिसमें सबसे पहले उत्तराखंड के कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति दी. उत्तराखंड कलाकारों में सुर सम्राट उत्तराखंड के लोकप्रिय गीतकार नरेंद्र सिंह नेगी ने अपनी प्रस्तुति दी. नरेंद्र सिंह नेगी के बाद उत्तराखंड के लोकप्रिय म्यूजिकल बैंड पांडवाज ने भी धमाल मचाया.
नरेंद्र सिंह नेगी से खास बातचीत:ईटीवी भारत ने गढ़रत्न नरेंद्र सिंह नेगी से खास बातचीत की. ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए उत्तराखंड के लोक कलाकार नरेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि उन्हें उत्तराखंड प्रीमियर लीग के इस मंच पर अपनी प्रस्तुति देकर बेहद खुशी हुई है. उन्होंने कहा इस तरह के बड़े आयोजन से वह विशेष तौर से भावनात्मक रूप से जुड़े रहते हैं. यह पूरे उत्तराखंड का विषय है. उन्होंने कहा उत्तराखंडियत के बिना इस तरह के आयोजन अधूरे से लगते हैं.
लोगों की भावनाओं ने ऑर्गेनाइजर को किया मजबूर:ओपनिंग सेरेमनी में लोक कलाकारों को मंच न देने पर नरेंद्र सिंह नेगी ने अपनी बात रखी. उन्होंने कहा ओपनिंग सेरेमनी में जिस तरह से बाहर के लोगों को बुलाया गया था उसमें उत्तराखंड से कोई लेना-देना नहीं था. ऐसे लोगों को यदि बुलाया जाता है तो निश्चित तौर से उसका असर जनता में दिखता है. यही वजह है यूपीएल ओपनिंग सेरेमनी के बाद उत्तराखंडी समाज में इसका गलत असर गया. उन्होंने कहा उत्तराखंडी लोगों की भावनाओं ने ऑर्गेनाइजर को लोक कलाकारों को बुलाने के लिए मजबूर किया है.