देहरादून, धीरज सजवाण: उत्तराखंड में 23 जनवरी को निकाय चुनाव के लिए वोटिंग हुई. तमाम हो हल्ले के बाद उत्तराखंड निकाय चुनाव में कुल 65.41 फीसदी वोटिंग प्रतिशत रहा. उत्तराखंड में इस बार का निकाय चुनाव तमाम अव्यवस्थाओं को लेकर सुर्खियों में बना है. सुबह से ही पोलिंग बूथों से परेशानियों की खबरें आनी शुरू हुई. ये हालात दिन चढ़ने के साथ बढ़ते गए. निकाय चुनाव के लिए जैसे-जैसे वोटिंग ने रफ्तार पकड़ी वैसे-वैसे प्रदेश के अलग-अलग इलाकों से गड़बड़ियों की खबरें आनी शुरू हो गई. देर रात मत पेटी को लेकर भागते सोशल मीडिया पर भी कई वीडियो वायरल हुए.
वोटर लिस्ट में नाम न होने की शिकायतें: 23 जनवरी को उत्तराखंड निकाय चुनाव वोटिंग के दौरान जो मंजर देखने को मिला वो पिछले कई सालों में नहीं दिखा. सबसे पहले कई वोटर्स द्वारा वोटर लिस्ट में नाम न होने की शिकायत आई. एक जगह से नहीं बल्कि कई अलग-अलग जगहों से इस तरह की शिकायतें सामने आई. देहरादून जिले की बात करें तो मसूरी से देहरादून नगर निगम के कई बूथों से इस तरह की जानकारी सामने आई.
पूर्व मुख्यमंत्री नहीं दे सके वोट:यहां तक कि सूबे के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी वोटर लिस्ट में अपना नाम न होने की शिकायत दर्ज कराई. उनका कहना था कि वो देहरादून के वार्ड नंबर 76 पर वोट देने पहुंचे थे लेकिन लिस्ट में उनका नाम ही नहीं मिला. उन्होंने इसको लेकर राज्य निर्वाचन आयोग से जानकारी मांगी थी. हालांकि, देर शाम इसको लेकर जिला निर्वाचन अधिकारी ने एक लिस्ट जारी की जिसमें हरीश रावत का नाम मौजूद था. कांग्रेस की प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने भी उनके और उनके परिवार के अन्य सदस्यों का नाम वोटिंग लिस्ट से गायब होने की शिकायत की.
'भगत दा' भी नहीं कर सके मतदान:यही नहीं, एक और पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी भी चुनाव में वोट नहीं डाल सके. इनका नाम तो लिस्ट में मौजूद था लेकिन नाम में गड़बड़ी थी. भगत सिंह कोश्यारी के स्थान पर 'भगवान सिंह कोश्यारी' नाम दर्ज था. हालांकि, पिथौरागढ़ जिलाधिकारी विनोद गिरि गोस्वामी इस लापरवाही की जांच करवा रहे हैं.
वहीं, अल्मोड़ा में तकरीबन ढाई सौ ऐसे लोगों की शिकायत सामने आई जो उत्तराखंड के बाहर से थे लेकिन उनका नाम वोटर लिस्ट में दर्ज था. जिसकी भारतीय जनता पार्टी की तरफ से शिकायत भी की गई. निकाय चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों तरफ से इस तरह की गड़बड़ी की शिकायतें की गई. दिन चढ़ते चढ़ते यह गुस्से में तब्दील हो गई. कई जगहों पर इसके बाद हंगामा होने लगे.