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क्या बदलेगी रिस्पना नदी की सूरत? NGT के सख्त रुख के बाद तैयार हो रहा फ्लड जोन - Uttarakhand Irrigation Department

UTTARAKHAND IRRIGATION DEPARTMENT देहरादून में रिस्पना नदी को लेकर अब NGT के दखल के बाद सख्ती से काम हो रहा है. दरअसल NGT ने उत्तराखंड सिंचाई विभाग को रिस्पना का फ्लड जोन तैयार करने के लिए कहा है, जिस पर सिंचाई विभाग इन दिनों युद्धस्तर पर कार्य कर रहा है. वहीं फ्लड जोन की जद्द में 100 मीटर तक के सभी निर्माण आ रहे हैं और इन निर्माणों को हटाना और आगामी 25 से 100 सालों के विकास का खाका खींचना सरकार के लिए कितना चुनौती भरा होगा आइए जानते हैं.

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NGT के सख्त रुख के बाद तैयार हो रहा फ्लड जोन (photo- ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Aug 14, 2024, 4:51 PM IST

Updated : Aug 14, 2024, 5:33 PM IST

NGT के सख्त रुख के बाद तैयार हो रहा फ्लड जोन (video-ETV Bharat)

देहरादून: शहर के लिए लगातार नासूर बनती जा रही रिस्पना और बिंदाल नदी की काया पलट का बीड़ा अब राष्ट्रीय हरित अधिकरण ने उठाया है. पिछले कई दशकों में नदी से नाले में तब्दील रिस्पना में बढ़ते अतिक्रमण और बाढ़ जैसी स्थिति के जोखिम को देखते हुए अब रिस्पना के फ्लड जोन निर्धारण पर स्टडी चल रही है. NGT के निर्देशों पर उत्तराखंड सिंचाई विभाग इस कार्य का कर रहा है.रिस्पना के किनारे चिह्नित फ्लड जोन का नक्शा तैयार किया जा रहा है, जिसके बाद बाढ़ आशंकित क्षेत्रों में बने घरों पर लाल निशान लगाने की तैयारी है. दो माह के भीतर यह बड़ी कार्रवाई हो सकती है.

अब भी सैकड़ों घर खतरे की जद्द में:बीते जुलाई में सिंचाई विभाग की टीम ने एनजीटी के निर्देश पर अगले 25 वर्ष और 100 वर्ष की संभावनाओं के आधार रिस्पना नदी के फ्लड प्लेन जोन का सर्वे किया था. रिस्पना नदी के किनारे वर्ष 2016 के बाद अस्तित्व में आए निर्माण को अवैध मानकर हटाने की कार्रवाई की गई, लेकिन इसके बावजूद सैकड़ों घर अब भी खतरे की जद्द में हैं.

चिह्नित फ्लड जोन का नक्शा हो रहा तैयार:एनजीटी के निर्देश पर रिस्पना के फ्लड प्लेन जोन निर्धारित करने को लेकर कसरत अब तेज हो गई है. सर्वे पूरा होने के बाद रिस्पना के किनारे चिह्नित फ्लड जोन का नक्शा तैयार किया जा रहा है, जिसके बाद बाढ़ आशंकित क्षेत्र में बने घरों पर लाल निशान लगाने की तैयारी है. एनजीटी ने फ्लड जोन में किए गए निर्माण को हर हाल में तोड़ने के निर्देश दिए हैं और वहां बसे परिवारों के पुनर्वास के लिए कहा है. ऐसे में दो माह के भीतर यह बड़ी कार्रवाई हो सकती है.

सैकड़ों निर्माण का पुनर्वास सरकार के लिए बड़ी चुनौती:सिंचाई विभाग की रुड़की रिसर्च विंग ने रिस्पना नदी के दोनों किनारों पर फ्लड जोन का सर्वे कर 50-100 मीटर पर निशान लगाए हैं. टीम ने शिखर फॉल से लेकर मोथरोवाला दूधली रोड तक फ्लड जोन चिन्हित किए. नदी के करीब 26 किलोमीटर लंबे क्षेत्र में आगामी 25 वर्ष और 100 वर्ष तक बाढ़ की संभावना को लेकर रिपोर्ट तैयार की है. नदी के किनारों पर ऐसे सैकड़ों प्वाइंट बनाए गए हैं, जिन पर बाढ़ का खतरा है. बिंदाल नदी का भी मालसी से लेकर डकोटा तक फ्लड जोन निर्धारित किया गया है. दोनों नदियों के किनारे बड़ी संख्या में फ्लड जोन में अतिक्रमण कर निर्माण किया गया है. वर्षा के दौरान बड़ी आपदा के खतरे को देखते हुए अतिक्रमण हटाकर संबंधित लोगों का पुनर्वास किया जाएगा.

शहरी विकास मंत्री बोले किसी के हितों का नहीं होगा नुकसान:शहरी विकास मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि सरकार इस पूरे विषय पर मॉनिटरिंग कर रही है और लगातार सरकार अपनी तरफ से भी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई पहले से ही कर रही है. उन्होंने कहा कि हमारी नदियों के बिगड़ते हालातों को देखते हुए हमें समाधान निकालना होगा. सरकार इस तरह की रणनीती तैयार करेगी की किसी के हितो का भी नुकसान ना हो और हम अपने भविष्य को भी सुरक्षित रख सकें.

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Last Updated : Aug 14, 2024, 5:33 PM IST

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