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कालागढ़ डैम के नजदीक जर्जर आवास होंगे ध्वस्त, नैनीताल हाईकोर्ट ने दी अनुमति - UNSAFE BUILDINGS NEAR KALAGARH DAM

कोर्ट ने माना कि जर्जर मकान अब रहने लायक नहीं है, इन ढांचों के बने रहने से वन्य जीवों को खतरा हो सकता है.

Unsafe Buildings Near Kalagarh Dam
नैनीताल हाईकोर्ट (SOURCE: ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 19, 2025, 2:40 PM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने जिला प्रशासन पौड़ी को कालागढ़ बांध के समीप खाली व जर्जर आवासों को ध्वस्त करने की अनुमति दे दी है. सोमवार को मुख्य न्यायधीश जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ में जिलाधिकारी पौढ़ी के ध्वस्तीकरण के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई हुई जिसमें पौड़ी गढ़वाल के जिला मजिस्ट्रेट आशीष कुमार चौहान ने न्यायालय में हलफनामा दायर कर बताया कि कालागढ़ क्षेत्र में 72 खाली और जर्जर संरचनाएं पाई गई हैं, जो अब पूरी तरह से ढहने की स्थिति में हैं. इसके अतिरिक्त, 25 अन्य संरचनाएं, जो पहले सिंचाई विभाग से वन विभाग को हस्तांतरित की गई थीं, भी खस्ताहाल स्थिति में हैं और इन्हें ध्वस्त करने की आवश्यकता है. बता दें कालागण कल्याण एवं उत्थान समिति द्वारा जिलाधिकारी पौढ़ी के ध्वस्तीकरण के आदेश को चुनौती दी गई थी.

12 फरवरी 2025 को किए गए संयुक्त निरीक्षण में राजस्व, वन, सिंचाई और पुलिस विभागों के अधिकारियों ने इन सभी ढांचों का विस्तृत सर्वेक्षण किया, जिसमें पाया गया कि यह क्षेत्र कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र के अंतर्गत आता है. चूंकि यह इलाका वन्यजीव संरक्षण के लिए आरक्षित है, इसलिए यहां अवैध निर्माणों और मानव निवास की अनुमति नहीं दी जा सकती.

न्यायालय ने माना जर्जर मकान अब रहने लायक नहीं:न्यायालय ने प्रस्तुत साक्ष्यों और फोटोग्राफ्स को देखने के बाद माना कि ये संरचनाएं पूरी तरह से खस्ताहाल, जर्जर और मानव निवास के लिए अनुपयुक्त हो चुकी हैं. न्यायालय ने कहा कि इन ढांचों के बने रहने से वन्य जीवों को खतरा हो सकता है, क्योंकि यह संरचनाएं कभी भी गिर सकती हैं और वन्यजीवों की आवाजाही में बाधा बन सकती हैं.

15 दिन के नोटिस के बाद हो ध्वस्तीकरण की प्रक्रिया-अदालत:अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि कुछ याचिकाकर्ताओं ने आपत्ति जताई थी कि कुछ संरचनाओं की छतें अन्य मकानों से जुड़ी हुई हैं, लेकिन इसके समर्थन में कोई ठोस प्रमाण प्रस्तुत नहीं किया गया. इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए, न्यायालय ने जिला मजिस्ट्रेट और जिम कॉर्बेट टाइगर रिजर्व के निदेशक को निर्देश दिया कि वे सार्वजनिक नोटिस जारी कर, कम से कम 15 दिनों की सूचना के बाद इन ढांचों को ध्वस्त करें.

साथ ही, यह भी सुनिश्चित किया जाए कि जहां लोग स्थायी रूप से निवास कर रहे हैं, उन संरचनाओं को कोई क्षति न पहुंचे, न्यायालय ने प्रशासन को यह प्रक्रिया यथाशीघ्र और कुशलतापूर्वक पूरा करने के निर्देश दिए हैं, डीएम और टाइगर रिजर्व निदेशक को न्यायालय में अनुपालन रिपोर्ट भी प्रस्तुत करनी होगी.

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