देहरादून:उत्तराखंड सरकार ने वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत पर्वतीय क्षेत्रों में मौजूद आईटीबीपी बटालियन को बकरी-भेड़, मछली, कुकुट उपलब्ध कराने का निर्णय लिया है. जिसके तहत 26 अक्टूबर को उत्तराखंड सरकार और आईटीबीपी के बीच एमओयू साइन किया गया था. ऐसे में अब पशुपालन एवं मत्स्य विभाग ने आईटीबीपी को बकरी/भेड़, मछली, कुटकुट सप्लाई के लिए चिन्हीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी है. ऐसे में सप्लाई के लिए जगह चिन्हित होने के बाद इन स्थानीय उत्पादों को आईटीबीपी के बटालियन को भेजी जाएगी.
उत्तराखंड सरकार और आईटीबीपी (भारत तिब्बत सीमा पुलिस) के बीच एमओयू से प्रदेश के 80 से ज्यादा सहकारी समितियों के जरिए करीब 11 हजार पशुपालकों को सीधा लाभ मिलेगा, जिसमें 7 हजार महिलाएं शामिल हैं. भेड़-बकरी पालकों में 10 हजार पशुपालक, कुकुट की आपूर्ति से 740 से ज्यादा और मछली आपूर्ति के लिए 450 से ज्यादा मछली पालकों को इसका लाभ मिलेगा.
सालाना करीब 200 करोड़ रुपए के कारोबार का अनुमान:उत्तराखंड में यह पहला ऐसा मौका है, जिसमें इतनी बड़ी संख्या में भेड़-बकरी, मछली और मुर्गीपालकों को मार्केटिंग के लिए बाजार उपलब्ध कराया जा रहा है. सरकार का अनुमान है कि इस पहल से सालाना करीब 200 करोड़ के कारोबार होगा.
क्या बोले कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा?वहीं, कैबिनेट मंत्री सौरभ बहुगुणा ने बताया कि आईटीबीपी से जो एमओयू साइन हुआ था, उसके संबंध में धरातल पर काम शुरू कर दिया गया है. जिसके तहत आईटीबीपी और विभागों की टीम ने चिन्हीकरण का काम तेज कर दिया है.