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वन प्रभागों में 3 प्रभारी DFO की नियुक्ति, 41 नए ACF को मिली तैनाती, उठ सकता है सीनियरिटी विवाद - Uttarkhand Forest Department - UTTARKHAND FOREST DEPARTMENT

Uttarkhand Forest Department उत्तराखंड शासन ने राज्य के तीन प्रभागों में प्रभारी DFO की तैनाती की है. इसके अलावा ट्रेनिंग पूरी होने के बावजूद पिछले करीब 3 महीने से तैनाती का इंतजार कर रहे ACF को भी पहली तैनाती दे दी गई है. साथ ही इस सूची में SDO की जिम्मेदारियों में बदलाव भी किया गया है. जानिए वन महकमे के बदलाव.

Uttarkhand Forest Department
शासने ने 41 नए एसीएफ को तैनाती दी. (FILE PHOTO ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 30, 2024, 9:36 PM IST

Updated : Jul 30, 2024, 9:46 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड वन विभाग में तबादला सत्र खत्म होने से एक दिन पहले वन अधिकारियों के जमकर तबादले किए गए. साथ ही पिछले लंबे समय से अपनी पहली तैनाती के लिए इंतजार कर रहे असिस्टेंट कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट (ACF) अधिकारियों को भी तैनाती दे दी गई है.

राज्य में इंडियन फॉरेस्ट सर्विस (IFS) अधिकारियों की कमी होने के चलते सहायक वन संरक्षक स्तर के अधिकारियों को प्रभारी डीएफओ बनाया गया है. हालांकि, इससे पहले भी कुछ जगहों पर प्रभारी डीएफओ बनाए जा चुके हैं. सहायक वन संरक्षक शिशुपाल सिंह को सिविल सोयम वन प्रभाग पौड़ी, प्रदीप कुमार को सिविल सोयम वन विभाग अल्मोड़ा और हेमचंद गहतोड़ी को भूमि संरक्षण वन प्रभाग नैनीताल का प्रभारी डीएफओ बनाया गया है.

41 नए ACF को मिली तैनाती (PHOTO- Uttarakhand Secretariat)

राज्य में नई नियुक्ति वाले एसीएफ को ट्रेनिंग के बाद पहली तैनाती भी दी गई है. हालांकि इन एसीएफ की ट्रेनिंग करीब 3 महीने पहले ही पूरी हो चुकी थी. लेकिन शासन ने किन्ही कारणों से इन्हें तैनाती नहीं दी. अब इन सभी नए 41 एसीएफ को तैनाती दे दी गई है.

तबादला सूची में एसडीओ (प्रमोटी सहायक वन संरक्षक) को भी नई जिम्मेदारी दी गई है. इसमें 14 एसडीओ की जिम्मेदारी बदली गई है. इसके अलावा 2 वन क्षेत्रधिकारियों को प्रभारी सहायक वन संरक्षक की जिम्मेदारी दी गई है.

वन प्रभागों में 3 प्रभारी DFO की नियुक्ति (PHOTO- Uttarakhand Secretariat)

नई नियुक्ति के साथ ही SDO के साथ सीनियरिटी विवाद:उत्तराखंड वन विभाग में असिस्टेंट कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट की एंट्री के साथ ही सीनियरिटी विवाद भी खड़ा हो गया है. बताया जा रहा है कि जल्द ही यह विवाद कोर्ट तक भी पहुंच सकता है. दरअसल एसीएफ खुद को प्रमोशन से सहायक वन संरक्षक पद पर पहुंचने वाले अधिकारियों से सीनियर मान रहे हैं. इसकी वजह ये है कि शिथिलता के आधार पर रेंजर से सहायक वन संरक्षक पर प्रमोशन को एसीएफ खुद से सीनियर मानने को तैयार नहीं. उधर एसडीओ भी प्रमोशन के आधार पर खुद को सीनियर मान रहे हैं. इस तरह सीनियरिटी लिस्ट को एसीएफ चुनौती दे सकते हैं.

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Last Updated : Jul 30, 2024, 9:46 PM IST

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