उत्तराखंड

uttarakhand

ETV Bharat / state

रेल बजट में उत्तराखंड को मिले 5,131 हजार करोड़, ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट को लगेंगे पंख - Uttarakhand Railway Budget

Uttarakhand Railway Budget उत्तराखंड को केंद्रीय बजट से बड़ी सौगात मिली है. रेल इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 5,131 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं. जिससे ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट को पंख लगेंगे तो वहीं रेलवे का जाल बिछाने में मदद मिलेगी. वहीं, उत्तराखंड रेलवे बजट को लेकर केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से ईटीवी भारत ने वर्चुअली सवाल जवाब किए. जिसमें उन्होंने कई अहम जानकारियां दी.

Uttarakhand Railway Budget
उत्तराखंड रेल बजट (फोटो- ETV Bharat GFX)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jul 24, 2024, 7:52 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड को केंद्रीय आम बजट से रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए करीब 5 हजार 131 करोड़ रुपए का बजट आबंटित किया गया है. इसकी जानकारी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी. इस रेलवे बजट से प्रदेश के अलग-अलग परियोजनाओं को बल मिलेगा. साथ ही पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट को पंख लगेंगे. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस बार रेलवे को रिकॉर्ड 2 लाख 62 हजार 200 करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया गया. जिसमें बड़ा हिस्सा यानी 1 लाख 8 हजार करोड़ रुपए सुरक्षा संबंधी उपायों के लिए आवंटित किया गया है.

वर्चुअली जुड़े केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से ईटीवी भारत ने पूछे सवाल: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ किरण कांत शर्मा ने वर्चुअली उत्तराखंड में चल रही परियोजनाओं को लेकर सवाल किया. जिसमें पूछा कि आखिरकार उत्तराखंड को इस बजट में क्या कुछ मिला और ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल मार्ग कितना सुरक्षित होगा?

जिस पर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस बार उत्तराखंड के लिए 5,131 करोड़ रुपए का आवंटन बजट में हुआ है. इस बजट से उत्तराखंड में रेल नेटवर्क को सुदृढ़ किया जाएगा. आने वाले समय में देश के तमाम राज्यों के साथ उत्तराखंड में भी कई ऐसी परियोजनाएं हैं, जो धरातल पर दिखाई देगी.

ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट की बढ़ी समय सीमा: चारधाम के लिए केंद्र सरकार की अति महत्वकांक्षी ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पहले इस रेल मार्ग का काम 2025 तक पूरा होना था, लेकिन अब उम्मीद है कि 2026 के आखिरी तक इस परियोजना का काम लगभग पूरा कर लिया जाएगा. इस परियोजना में 213 किमी की सुरंगें हैं, जिसमें से अभी 171 किमी का काम पूरा हो चुका है और बाकी का काम तेज गति से चल रहा है.

समय भले ही ज्यादा लगे, लेकिन काम होगा मजबूत: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना में सुरंग बनाने के लिए जिन दो टीबीएम यानी टनल बोरिंग मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन बोरिंग मशीनों का नाम 'शिव' और 'शक्ति' रखा गया है. उत्तराखंड में काम कितना चैलेंजिंग है? इसको लेकर पूछे गए सवाल पर भी उन्होंने जवाब दिया.

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ नए हैं. नए पहाड़ में मिट्टी ज्यादा पाई जाती है, जो सुरंग बनाने में मुश्किल पैदा करती है. जबकि, जो पर्वत पुराने हैं, उनमें मिट्टी पत्थर में तब्दील हो जाती है. जो सुरंग बनाने या अन्य कामों के लिए सुरक्षित होता है.

ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना में सुरंग बनाना कितना सुरक्षित?हिमालय के पहाड़ों में सुरंग बनाने के लिए हिमालयन टनलिंग मेथ्ड यानी एचटीएम ईजाद किया गया है. ताकि, हिमालय के युवा पहाड़ों के भीतर सुरंग बनाई जा सके. हिमालयी राज्य में रेलवे की जो सुरेंगे बनाई जा रही है, वो बेहद एडवांस तकनीक के साथ बन रही है.

जहां ठोस पत्थर नहीं हैं, वहां एचटीएम से सुरंग बनाई जा रही है. जिसमें टनल बोरिंग के साथ उसे कंक्रीट युक्त कर मजबूती प्रदान की जाती है. ताकि, वो सुरक्षित हो. जैसे-जैसे ड्रिलिंग किया जा रहा है, वैसे-वैसे उस एरिया को मजबूत करने के लिए कई तरह के कदम उठाए जा रहे हैं. अभी तक 70 फीसदी से ज्यादा काम ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना का पूरा कर लिया गया है.

सिल्क्यारा टनल जैसा हादसा न हो, इसके लिए किया जा रहा ये काम: केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव मानते हैं कि इस परिस्थितियों में काम करना बड़ा मुश्किल था, लेकिन इस मुश्किल टास्क को अब लगभग पूरा कर लिया गया है. सिल्क्यारा जैसे हादसों पर पूछे गए सवाल पर उन्होंने कहा कि हम बेहद ही एडवांस तकनीक से काम कर रहे हैं.

हम मानते हैं कि ये पर्वत कमजोर हैं, लेकिन वो कह सकते हैं कि यह प्रोजेक्ट पूरी तरह से सुरक्षित है. ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल मार्ग का काम पूरी सावधानी और आने वाली आपदाओं को देखते हुए किया जा रहा है. भले ही समय ज्यादा लग जाए, लेकिन काम मजबूती के साथ काम किया जा रहा है.

उत्तराखंड के इन जगहों को रेलवे नेटवर्क से जोड़ने के लिए तैयार किया जा रहा डीपीआर: आने वाले समय में उत्तराखंड में बागेश्वर-टनकपुर, गैरसैंण-बागेश्वर, ऋषिकेश-उत्तरकाशी और देहरादून-सहारनपुर के बीच रेलवे लाइनों के सर्वे का काम करने के लिए डीपीआर बनाने पर फोकस किया जाएगा. ये प्रोजेक्ट भी बेहद महत्वपूर्ण है. उत्तराखंड को आने वाले समय में रेल कनेक्टिविटी से जोड़ने का हर संभव प्रयास किया जाएगा.

उत्तराखंड में चल रहे रेलवे प्रोजेक्टस:उत्तराखंड में साल 2014 से 2024 तक 69 किमी के नए रेल ट्रेक बिछाए गए हैं. साथ ही इस दौरान 303 किमी की रेल लाइनों को इलेक्ट्रीफाइड भी किया गया है. आज प्रदेश की हर रेलवे लाइन बिजली युक्त है. इसके अलावा उत्तराखंड में 70 रेलवे ब्रिज और अंडर ब्रिज का निर्माण हो चुका है.

फिलहाल, उत्तराखंड में 216 किमी की 3 रेल परियोजनाओं (रेलवे ट्रैक) का काम चल रहा है. जिसकी लागत 25,941 करोड़ रुपए है. इसके अलावा देहरादून, हरिद्वार, रुड़की, हर्रावाला, काशीपुर, काठगोदाम, किच्छा, कोटद्वार, लालकुआं, रामनगर, और टनकपुर समेत 11 स्टेशनों को अमृत स्टेशनों के रूप में डेवलप करने पर जोर दिया जा रहा है.

ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना को जानिए: बता दें कि ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल मार्ग के लिए 17 सुरंग बनाए जा रहे हैं. यह रेल मार्ग 126 किलोमीटर का होगा. इस रेल लाइन में 12 स्टेशन बनाए जा रहे हैं. जबकि, 17 सुरंग और 35 पुल भी बनाए जा रहे हैं. इतना ही नहीं 10 स्टेशन सुरंग के अंदर होंगे. जबकि, सिर्फ 2 स्टेशन शिवपुरी और ब्यासी ही जमीन के ऊपर होंगे. इस 125 किलोमीटर के इस रेल लाइन में करीब 105 किलोमीटर हिस्सा अंडरग्राउंड होगा.

ये भी पढ़ें-

ABOUT THE AUTHOR

...view details