देहरादून: उत्तराखंड को केंद्रीय आम बजट से रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए करीब 5 हजार 131 करोड़ रुपए का बजट आबंटित किया गया है. इसकी जानकारी केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने दी. इस रेलवे बजट से प्रदेश के अलग-अलग परियोजनाओं को बल मिलेगा. साथ ही पीएम मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट को पंख लगेंगे. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस बार रेलवे को रिकॉर्ड 2 लाख 62 हजार 200 करोड़ रुपए का बजट आवंटन किया गया. जिसमें बड़ा हिस्सा यानी 1 लाख 8 हजार करोड़ रुपए सुरक्षा संबंधी उपायों के लिए आवंटित किया गया है.
वर्चुअली जुड़े केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव से ईटीवी भारत ने पूछे सवाल: केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव से ईटीवी भारत के ब्यूरो चीफ किरण कांत शर्मा ने वर्चुअली उत्तराखंड में चल रही परियोजनाओं को लेकर सवाल किया. जिसमें पूछा कि आखिरकार उत्तराखंड को इस बजट में क्या कुछ मिला और ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल मार्ग कितना सुरक्षित होगा?
जिस पर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस बार उत्तराखंड के लिए 5,131 करोड़ रुपए का आवंटन बजट में हुआ है. इस बजट से उत्तराखंड में रेल नेटवर्क को सुदृढ़ किया जाएगा. आने वाले समय में देश के तमाम राज्यों के साथ उत्तराखंड में भी कई ऐसी परियोजनाएं हैं, जो धरातल पर दिखाई देगी.
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेलवे प्रोजेक्ट की बढ़ी समय सीमा: चारधाम के लिए केंद्र सरकार की अति महत्वकांक्षी ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना पर केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि पहले इस रेल मार्ग का काम 2025 तक पूरा होना था, लेकिन अब उम्मीद है कि 2026 के आखिरी तक इस परियोजना का काम लगभग पूरा कर लिया जाएगा. इस परियोजना में 213 किमी की सुरंगें हैं, जिसमें से अभी 171 किमी का काम पूरा हो चुका है और बाकी का काम तेज गति से चल रहा है.
समय भले ही ज्यादा लगे, लेकिन काम होगा मजबूत: रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना में सुरंग बनाने के लिए जिन दो टीबीएम यानी टनल बोरिंग मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है. इन बोरिंग मशीनों का नाम 'शिव' और 'शक्ति' रखा गया है. उत्तराखंड में काम कितना चैलेंजिंग है? इसको लेकर पूछे गए सवाल पर भी उन्होंने जवाब दिया.
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि उत्तराखंड के पहाड़ नए हैं. नए पहाड़ में मिट्टी ज्यादा पाई जाती है, जो सुरंग बनाने में मुश्किल पैदा करती है. जबकि, जो पर्वत पुराने हैं, उनमें मिट्टी पत्थर में तब्दील हो जाती है. जो सुरंग बनाने या अन्य कामों के लिए सुरक्षित होता है.
ऋषिकेश कर्णप्रयाग रेल परियोजना में सुरंग बनाना कितना सुरक्षित?हिमालय के पहाड़ों में सुरंग बनाने के लिए हिमालयन टनलिंग मेथ्ड यानी एचटीएम ईजाद किया गया है. ताकि, हिमालय के युवा पहाड़ों के भीतर सुरंग बनाई जा सके. हिमालयी राज्य में रेलवे की जो सुरेंगे बनाई जा रही है, वो बेहद एडवांस तकनीक के साथ बन रही है.