देहरादूनःउत्तराखंड वन विभाग में फॉरेस्टर्स के पद को ग्रेजुएशन स्तर का बनाने की कवायद चल रही है. इसके अलावा डिप्टी रेंजर पद पर प्रमोशन के लिए भी समय सीमा को लेकर संशोधन का प्रस्ताव शासन में लंबित है. हालांकि वन महकमे में पिछले काफी सालों से वन दारोगा अपनी विभिन्न मांगों पर आक्रोशित हैं. लेकिन इन दो मामलों पर वन मुख्यालय स्तर से प्रस्ताव भेजे जाने के बाद भी फिलहाल हल निकलता हुआ नजर नहीं आ रहा है.
प्रदेश में वन दारोगा पद की सेवाओं को लेकर शासन कुछ बदलाव करने की कसरत में जुटा हुआ है. इसके लिए वन मुख्यालय स्तर से दो प्रस्ताव शासन को भेजे गए हैं. जिन पर पिछले काफी समय से शासन स्तर पर विचार जारी है. हालांकि वन दारोगा पद से जुड़े दोनों प्रस्ताव फिलहाल आधार में लटके हुए हैं और इन पर जल्द ही कोई निर्णय होने की स्थिति भी नहीं दिखाई दे रही है.
वन दारोगाओं की मांग:वन दारोगा पद पर भर्ती के लिए न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता ग्रेजुएशन किए जाने का प्रस्ताव शासन में चल रहा है. फिलहाल उत्तराखंड में वन दारोगा पद पर भर्ती के लिए इंटरमीडिएट न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता रखी गई है. लेकिन वन दारोगा इसे अपग्रेड करते हुए इस पद पर ग्रेजुएशन को न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता चाहते हैं. इसी मांग को देखते हुए वन मुख्यालय के स्तर पर इससे जुड़ा प्रस्ताव शासन को भेजा जा चुका है. शासन ने भी इस मामले में विचार करने के बाद वन मुख्यालय से पड़ोसी राज्यों में वन दारोगा के पद पर न्यूनतम शैक्षणिक अर्हता की जानकारी मांगी है.
अन्य राज्यों से मांगी गई नियमावली:चीफ कंजरवेटर ऑफ फॉरेस्ट मानव संसाधन मीनाक्षी जोशी के मुताबिक, फिलहाल उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की नियमावली राज्य को प्राप्त हो चुकी है और अब पड़ोसी राज्य हिमाचल की नियमावली भी मांगी जा रही है.