पौड़ी: पौड़ी नगर पालिका चुनाव में भाजपा के चार नाराज नेताओं ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनावी मैदान में उतरकर पार्टी के लिए चुनौती खड़ी कर दी है. इस चुनाव में भाजपा और कांग्रेस दोनों के अधिकृत प्रत्याशी हैं, लेकिन भाजपा के नाराज प्रत्याशियों के निर्दलीय रूप में खड़े होने से पार्टी को नुकसान होने की संभावना है. इससे वोटों का बंटवारा हो सकता है, जिससे कांग्रेस या अन्य प्रत्याशियों को फायदा मिल सकता है. भाजपा के लिए यह स्थिति चुनौतीपूर्ण हो सकती है, खासकर तब, जब पार्टी के अपने ही समर्थक बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ रहे हों.
पौड़ी नगर पालिका चुनाव को लेकर आज नाम वापसी का दिन था. गुरुवार देर शाम तक अध्यक्ष पद के लिए किसी भी प्रत्याशी ने अपना नाम वापस नहीं लिया, जबकि सभासद पद के लिए दो प्रत्याशियों ने अपना नाम वापस ले लिया है. संयुक्त मजिस्ट्रेट दीपक रामचंद्र सेठ ने बताया कि अब सभासद पद के लिए 47 प्रत्याशी चुनावी मैदान में हैं. वहीं, अध्यक्ष पद के लिए कुल 6 प्रत्याशी अपनी दावेदारी बनाए हुए हैं.
पौड़ी नगर पालिका चुनाव में टिकट न मिलने पर भाजपा से जुड़े प्रत्याशी, कुसुम चमोली, प्रियंका थपलियाल, बीरा भंडारी, और हिमानी नेगी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया है. हालांकि भाजपा ने इन्हें मनाने की कोशिश की, लेकिन सफल नहीं हो पाई. अब भाजपा को कांग्रेस के अलावा अपने ही बागी प्रत्याशियों से भी कड़ी चुनौती का सामना करना पड़ेगा, जिससे वोटों का बंटवारा हो सकता है.
निर्दलीय प्रत्याशियों पर कार्रवाई करने की संभावना तो है, लेकिन इससे पार्टी के भीतर असंतोष और बढ़ सकता है. बागी प्रत्याशियों का चुनावीं मैदान में बने रहना भाजपा के वोट बैंक को कमजोर कर सकता है, जिससे कांग्रेस या अन्य निर्दलीय प्रत्याशी को फायदा हो सकता है. आपसी वोटों के बंटवारे की वजह से यह भी संभव है कि भाजपा और निर्दलीयों के बीच लड़ाई में तीसरा उम्मीदवार यानी कांग्रेस का प्रत्याशी, जीत हासिल कर सकता है.
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