देहरादून: विश्व पर्यावरण दिवस को लेकर जहां एक तरफ दुनिया भर में पर्यावरण को बचाने के लिए तमाम चिंतन कार्यक्रम हो रहे हैं तो उत्तराखंड में भी इन्हीं कार्यक्रमों के बीच स्कूली छात्रों को भी पर्यावरण से जोड़ने की कोशिशें की जा रही है. इस कड़ी में उत्तराखंड शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर के स्कूलों और कार्यालय को प्लास्टिक फ्री कैंपस के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया है. उधर राज्य भर में जल संरक्षण के लिए भी नए प्लान तैयार किये जा रहे हैं.
शिक्षा विभाग ने शुरू की 'प्लास्टिक फ्री कैम्पस' मुहिम, जल संरक्षण पर दिया जा रहा जोर, तैयार हो रहे नये प्लान - Plastic free campus campaign
Plastic free campus campaign, education department plastic free campus उत्तराखंड शिक्षा विभाग प्लास्टिक फ्री कैम्पस मुहिम शुरू करने जा रहा है. इसके साथ ही जल संरक्षण पर भी विभाग अभियान चला रहा है. राज्यभर में इसके लिए नए प्लान भी तैयार किये जा रहे हैं.
By ETV Bharat Uttarakhand Team
Published : Jun 3, 2024, 8:02 PM IST
पर्यावरण दिवस को देखते हुए शिक्षा विभाग भी इस बार युवाओं को पर्यावरण से जोड़ते हुए विभिन्न अभियानों से जुड़ने जा रहा है. इस कड़ी में शिक्षा विभाग ने प्रदेश भर के स्कूलों और शिक्षा विभाग के कार्यालय को प्लास्टिक फ्री कैंपस के रूप में स्थापित करने का निर्णय लिया है. इसके लिए स्कूली छात्रों को स्वच्छता अभियान से जोड़ा जा रहा है. युवाओं को इसके लिए जागरूक करने के साथ पर्यावरण के अभियान से उन्हें जोड़ने पर विशेष रूप से जोर दिया जा रहा है.
पर्यावरण दिवस को लेकर इस बार जल संरक्षण पर विशेष फोकस करने की तैयारी है. इसके लिए शिक्षा विभाग विद्यालयों में छात्रों को वाटर रिचार्ज के महत्व की जानकारी देगा. साथ ही अलग-अलग अभियान भी चलाएगा. इस दौरान वृक्षारोपण के कार्यक्रम भी किए जाएंगे. इसके लिए सभी विद्यालयों में शिक्षकों को कार्यक्रमों में प्रतिभाग से जुड़ी फोटो भी निदेशालय में भेजनी होगी
शिक्षा महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने कहा जल संरक्षण के लिए अलग-अलग कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं. शिक्षा विभाग के साथ ही बाकी विभागों के जरिए भी इन अभियानों को आगे बढ़ाने पर जोर दिया जा रहा है. बंशीधर तिवारी ने कहा देहरादून शहर के सौंदर्यीकरण के साथ ही पर्यावरण संरक्षण पर भी काम किया जा रहा है. इन्वेस्टर सबमिट के दौरान करीब 60 करोड़ की लागत से देहरादून की सड़कों के निर्माण और सौन्दर्यकरण के काम किए गए थे, लेकिन अब अलग-अलग कार्यों में जल संरक्षण के साथ सौन्दर्यकरण के काम को भी आगे बढ़ाया जाएगा.