छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय की नई पहल. (Video Credit; ETV Bharat) कानपुर :छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय व उससे अटैच 500 से अधिक डिग्री कॉलेजों के 2 लाख से ज्यादा छात्र साइबर सिक्योरिटी का पाठ पढ़ेंगे. शनिवार को छत्रपति शाहूजी महाराज विश्वविद्यालय के रानी लक्ष्मीबाई सभागार में आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल, वरिष्ठ प्रोफेसर संदीप शुक्ला समेत अन्य की मौजूदगी में साइबर सिक्योरिटी के कोर्स को लांच किया गया. विश्वविद्यालय के प्रशासनिक अफसरों ने इस कोर्स की जानकारी कुछ दिनों पहले ही सभी संबद्ध महाविद्यालय के प्राचार्यों को दे दी थी. यह भी कह दिया था कि इस सत्र से ही छात्रों को साइबर सिक्योरिटी की पढ़ाई वोकेशनल कोर्स के तौर पर अनिवार्य रूप से करानी होगी.
सी थ्री आई हब में तैयार हुआ पाठ्यक्रम, आईआईटी के प्रोफेसर करेंगे मदद :आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने बताया कि साइबर सिक्योरिटी के पाठ्यक्रम को सी थी आई हब में तैयार किया गया है. सभी छात्रों को इस कोर्स की पढ़ाई ऑनलाइन कराई जाएगी. इसमें समय-समय पर आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर जुड़ेंगे और छात्रों की मदद करेंगे. कोर्स को पढ़ाने के पीछे केवल मकसद यह है कि जो आए दिन साइबर अपराध हो रहे हैं, उससे छात्र जागरूक हों और वह अपने साथ-साथ दूसरों को भी जागरूक करें.
स्मार्ट फोन को हैक कर रहे ठग :प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल ने कहा कि मौजूदा समय में साइबर अपराध के भी तरीके बदल गए हैं. अब अपराधी केवल ओटीपी न पूछकर लोगों के पूरे-पूरे स्मार्टफोन को हैक कर लेते हैं. उसके बाद उनके डाटा का गलत तरीके से इस्तेमाल करते हैं. उन्होंने बताया कि भारत में तकनीकी को भी बहुत अधिक आधुनिक किया जा रहा है, लेकिन साइबर अपराध के मामलों पर जिस तरीके से नियंत्रण लगना चाहिए वैसा अभी काम नहीं हुआ है.
हिंदी में तैयार किया गया पाठ्यक्रम, नहीं होगी कोई दिक्कत : कानपुर यूनिवर्सिटी के प्रशासनिक अफसरों ने जब संबद्ध डिग्री कॉलेज के प्राचार्यों को साइबर सिक्योरिटी कोर्स के बारे में बताया तो कई प्रबंधक व प्राचार्यों ने इस कोर्स का विरोध किया था. हालांकि शनिवार को कोर्स की लांचिंग के मौके पर सीएसजेएमयू के वीसी प्रोफेसर विनय पाठक ने कहा कि विश्वविद्यालय के छात्रों को किसी तरीके की दिक्कत न हो इसलिए कोर्स को हिंदी में तैयार कराया गया है. अगर छात्र आसानी से इसकी पढ़ाई कर लेंगे तो निश्चित तौर पर भविष्य में उनके लिए यह कोर्स एक मील का पत्थर साबित होगा.
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