पुरुराज सिंह सोलंकी ने क्या कहा, सुनिए... जयपुर. यूपीएससी की परीक्षा में सक्सेस रेट एक प्रतिशत से भी कम है. इसलिए पास नहीं होने पर निराशा होना लाजमी है, लेकिन उस निराशा से उभर कर बेहतर ढंग से अगला प्रयास करना ही असली जीत है. ये कहना है यूपीएससी में ऑल इंडिया 21वीं रैंक प्राप्त करने वाले जयपुर के पुरुराज सिंह सोलंकी का. पुरुराज सिंह की इस उपलब्धि ने जयपुर को गर्व करने का मौका दिया है.
यूपीएससी परीक्षा में ऑल इंडिया टॉप 25 में जगह बनाने वाले पुरुराज सिंह के पिता महेंद्र सिंह राजस्थान विद्युत प्रसारण निगम में अधिशासी अभियंता (लीगल) के पद पर कार्यरत हैं. अपने डिपार्टमेंट के इंजीनियर के बेटे के इस अचीवमेंट पर खुद ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर ने फोन कर पुरुराज सिंह को बधाई दी. वहीं, अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने माता-पिता को देते हुए पुरुराज सिंह ने कहा कि उनके माता-पिता ने हार्ड वर्क करते हुए काफी कुछ त्याग किया है.
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इसके अलावा उनके नाना और मामा ने भी एथिकल वैल्यू और एडमिनिस्ट्रेशन नॉर्म्स जानने में काफी मदद की. उन्होंने बताया कि उनकी तैयारी 3 साल पहले 2021 में शुरू हुई थी. उन्होंने विभिन्न विषयों को लेकर अलग-अलग कोचिंग ली. पहले अटेम्प्ट में उनका प्रीलिम्स क्लियर हुआ, लेकिन मैन्स क्लियर नहीं हो पाया. लेकिन दूसरे अटेम्प्ट में उन्होंने इस परीक्षा को पूरी तरह पास किया. उनकी इस जर्नी में उन्होंने काफी हार्ड वर्क किया है.
जो अभ्यर्थी यूपीएससी की तैयारी कर रहे हैं, उन्हें संदेश देते हुए पुरुराज सिंह ने कहा कि इस एग्जाम में सक्सेस रेट बहुत कम है. ऐसे में निराशा होनी लाजिमी है, लेकिन उस निराशा से उभरना और अगले अटेम्प्ट में और बेहतर ढंग से प्रयास करना, यही इस एग्जाम में असली जीत है. एक अभ्यर्थी के हाथ में उसकी प्रिपरेशन और आसपास वालों का सहयोग है. उस पर ही ध्यान दें, ना कि किसी के बहकावे में आएं. हां, भाग्य भी एक फैक्टर हो सकता है, लेकिन वो आपके हाथ में नहीं है. इसलिए सबसे ज्यादा जरूरी है अपनी तैयारी पर भरोसा करें.