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कच्ची शराब के लिए बदनाम गांव बना 'अधिकारियों की फैक्ट्री', स्वर्गीय नेहरा के योगदान से बदला देवलावास - DEVLAWAS VILLAGE

राजस्थान का एक गांव जो कभी कच्ची शराब के लिए प्रसिद्ध था. अब स्वर्गीय एसएस नेहरा के प्रयासों से अधिकारियों की फैक्ट्री बन चुका है.

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स्वर्गीय एसएस नेहरा के योगदान से बदला देवलावास (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 18, 2025, 9:36 PM IST

बुहाना (झुंझुनू) : जिले का देवलावास गांव, जो कभी कच्ची शराब के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध था और यहां की शिक्षा व्यवस्था भी न के बराबर थी. जबकि अब यह गांव अधिकारियों की फैक्ट्री के रूप में जाना जाता है. यह बदलाव संभव हुआ है स्वर्गीय एसएस नेहरा की कोशिशों से, जिन्होंने 2003 में इस गांव और आसपास के क्षेत्र में शिक्षा का अलख जलाई और गांव को एक नया दिशा दी. उनकी स्थायी धरोहर नोबेल शिक्षण समूह ने यहां के बच्चों को बेहतर शिक्षा के अवसर दिए, जिससे इस गांव से अब आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर और सीए जैसे अधिकारी निकलकर सामने आ रहे हैं.

स्वर्गीय एसएस नेहरा की तीसरी पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई और गांव के लिए किए गए उनके योगदान को याद किया गया. कार्यक्रम का आयोजन नोबेल शिक्षण समूह के निदेशक संदीप नेहरा की अगुवाई में किया गया. संदीप नेहरा ने इस मौके पर बताया कि यह कार्यक्रम विशेष रूप से वृद्धजनों और किसानों को समर्पित किया गया.

गांव बना अधिकारियों की फैक्ट्री (ETV Bharat Jhunjhunu)

इसे भी पढ़ें- राजस्थान का यह छोटा सा गांव बना मिनी इजरायल, 11 साल में 40 किसान बने करोड़पति

कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियां : कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस राजरूप फुलिया रहे, जबकि आईपीएस कोशिंदर यादव भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे. 1200 से अधिक किसानों, वृद्धजन और समाज की विभिन्न प्रतिभाओं को इस आयोजन में सम्मानित किया गया. किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों और योजनाओं से अवगत कराया गया, जबकि छात्र-छात्राओं को उनके उत्कृष्टर प्रदर्शन के लिए पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए. इन पुरस्कारों में मोटरसाइकिल, स्कूटी और साइकिल जैसे आकर्षक इनाम शामिल थे.

समाज सेवा की दिशा में कार्य : इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य था समाज के प्रत्येक तबके को सम्मान देना. संदीप नेहरा ने कहा, "हमारा उद्देश्य यह है कि हमारे बड़े बुजुर्गों को सम्मान मिलेगा तो यह संस्कार आने वाली पीढ़ी में भी आएंगे. किसान हमारे अन्नदाता हैं और उनका सम्मान करना हमारे संस्कारों का हिस्सा है."

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एसएस नेहरा की पुण्यतिथि (ETV Bharat Jhunjhunu)

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दिल जीते : कार्यक्रम में छात्रों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें देशभक्ति, समाज सेवा और शिक्षा का संदेश प्रमुखता से दिखा. बच्चों ने अपने गीतों और नृत्य से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. देवलावास गांव की यह यात्रा, जो कभी कच्ची शराब के लिए बदनाम था, अब एक प्रेरणा बन चुकी है. यह बदलाव स्वर्गीय एसएस नेहरा की दूरदर्शिता और शिक्षा के प्रति उनके समर्पण का परिणाम है. उनके कार्यों ने न केवल इस गांव का चेहरा बदला, बल्कि यहां के लोगों के जीवन को भी नई दिशा दी.

बुहाना (झुंझुनू) : जिले का देवलावास गांव, जो कभी कच्ची शराब के उत्पादन के लिए प्रसिद्ध था और यहां की शिक्षा व्यवस्था भी न के बराबर थी. जबकि अब यह गांव अधिकारियों की फैक्ट्री के रूप में जाना जाता है. यह बदलाव संभव हुआ है स्वर्गीय एसएस नेहरा की कोशिशों से, जिन्होंने 2003 में इस गांव और आसपास के क्षेत्र में शिक्षा का अलख जलाई और गांव को एक नया दिशा दी. उनकी स्थायी धरोहर नोबेल शिक्षण समूह ने यहां के बच्चों को बेहतर शिक्षा के अवसर दिए, जिससे इस गांव से अब आईएएस, आईपीएस, डॉक्टर, इंजीनियर और सीए जैसे अधिकारी निकलकर सामने आ रहे हैं.

स्वर्गीय एसएस नेहरा की तीसरी पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई और गांव के लिए किए गए उनके योगदान को याद किया गया. कार्यक्रम का आयोजन नोबेल शिक्षण समूह के निदेशक संदीप नेहरा की अगुवाई में किया गया. संदीप नेहरा ने इस मौके पर बताया कि यह कार्यक्रम विशेष रूप से वृद्धजनों और किसानों को समर्पित किया गया.

गांव बना अधिकारियों की फैक्ट्री (ETV Bharat Jhunjhunu)

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कार्यक्रम में प्रमुख हस्तियां : कार्यक्रम के मुख्य अतिथि पूर्व आईएएस राजरूप फुलिया रहे, जबकि आईपीएस कोशिंदर यादव भी इस कार्यक्रम में मौजूद रहे. 1200 से अधिक किसानों, वृद्धजन और समाज की विभिन्न प्रतिभाओं को इस आयोजन में सम्मानित किया गया. किसानों को नवीनतम कृषि तकनीकों और योजनाओं से अवगत कराया गया, जबकि छात्र-छात्राओं को उनके उत्कृष्टर प्रदर्शन के लिए पुरस्कार और प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए. इन पुरस्कारों में मोटरसाइकिल, स्कूटी और साइकिल जैसे आकर्षक इनाम शामिल थे.

समाज सेवा की दिशा में कार्य : इस कार्यक्रम का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य था समाज के प्रत्येक तबके को सम्मान देना. संदीप नेहरा ने कहा, "हमारा उद्देश्य यह है कि हमारे बड़े बुजुर्गों को सम्मान मिलेगा तो यह संस्कार आने वाली पीढ़ी में भी आएंगे. किसान हमारे अन्नदाता हैं और उनका सम्मान करना हमारे संस्कारों का हिस्सा है."

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एसएस नेहरा की पुण्यतिथि (ETV Bharat Jhunjhunu)

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने दिल जीते : कार्यक्रम में छात्रों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं, जिनमें देशभक्ति, समाज सेवा और शिक्षा का संदेश प्रमुखता से दिखा. बच्चों ने अपने गीतों और नृत्य से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया. देवलावास गांव की यह यात्रा, जो कभी कच्ची शराब के लिए बदनाम था, अब एक प्रेरणा बन चुकी है. यह बदलाव स्वर्गीय एसएस नेहरा की दूरदर्शिता और शिक्षा के प्रति उनके समर्पण का परिणाम है. उनके कार्यों ने न केवल इस गांव का चेहरा बदला, बल्कि यहां के लोगों के जीवन को भी नई दिशा दी.

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