रायपुर: छत्तीसगढ़ बजट सत्र के दौरान विपक्ष ने हसदेव जंगल में पेड़ों की कटाई का मुद्दा उठाया. शून्यकाल में महंत ने इस पर स्थगन प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग की. महंत ने कहा आदिवासियों के सुरक्षा कवच के रूप में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को माना जाता है. जंगलों को बचाया जाना चाहिए. पेड़ों की कटाई को रोका जाना चाहिए. इस मामले को दिल्ली और राज्य के बीच का मामला ना बनाया जाए. "
हसदेव मामले में विपक्ष का हंगामा: शून्यकाल में नेता प्रतिपक्ष डॉक्टर चरणदास महंत ने हसदेव वन परिक्षेत्र में पेड़ों की कटाई का मसला उठाते हुए स्थगन प्रस्ताव की सूचना दी. स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा कराने की मांग की. स्थगन प्रस्ताव की सूचना देते हुए महंत ने कहा- "देश में हसदेव के बाहर लगभग साढ़े 3.5 लाख मिलियन टन कोयले का भंडार है... हसदेव के जंगल में 70 से अधिक प्रकार के पशु पक्षी 100 से अधिक प्रकार के जीव जंतु है. पेड़ काटने से प्रदूषण बढ़ेगा. जिससे जीव जंतु को नुकसान होगा. नई सरकार गठन से पहले ही वन अधिकारी ने 15 हजार से ज्यादा पेड़ों को काटने की अनुमति दे दी. पेड़ों की कटाई से हाथी-मानव द्वंद बढ़ेगा. इसलिए इस पर चर्चा होनी चाहिए. "
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा- "विधानसभा में सर्व सम्मति से अशासकीय संकल्प पारित होने के बावजूद पेड़ों की कटाई हुई. पता नहीं कौन सी अदृश्य शक्ति है कि पेड़ों की कटाई सरकार बनने से पहले शुरू हो गई, गोबर खरीदी बंद हो गई, तोड़-फोड़ शुरू हो गया. पेड़ कटाई की वजह से कई जिलों में सिंचाई भी प्रभावित होगा."