उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

क्या होती है घुड़सवार पुलिस, कहां लगती ड्यूटी, कुंभ की सुरक्षा कैसे करेंगे, जानिए?

UP Mounted Police: कुंभ की सुरक्षा में 180 घुड़सवारों की ड्यूटी लगाई गई. कई घोड़ों का नामकरण भी कर दिया गया.

up-what-is-mounted-police-where-is-it-on-duty-know-how-to-protect-kumbh 2025  prayagraj latest news
कुंभ की सुरक्षा में तैनात होगी घुड़सवार पुलिस. (photo credit: etv bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 5 hours ago

प्रयागराज: महाकुंभ-2025 में श्रद्धालुओं की सुरक्षा और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए योगी सरकार ने जबरदस्त तैयारी की है. इसमें विभिन्न फोर्सेज को जिम्मेदारी दी गई है, जिसमें घुड़सवार पुलिस भी शामिल है. महाकुंभ मेले के दौरान घुड़सवार पुलिस कर्मी हर समय मेला क्षेत्र में तैनात रहेंगे और पेट्रोलिंग करते रहेंगे. 180 घुड़सवारों की ड्यूटी कुंभ मेले में लगाई गई है.



घुड़सवार पुलिस क्या होती है: पुलिस रेग्यूलेशन एक्ट में बिंदु 79 से 83 तक घुड़सवार पुलिस के बारे में बताया गया है. इसके तहत घुड़सवार पुलिस उत्सवों या आयोजनों में भीड़ को नियंत्रण का जिम्मा संभालती है. इसमें घोड़ों पर पुलिस कर्मी सवार होकर भीड़ को नियंत्रित करते हैं.



कहां-कहां लगती ड्यूटी: अक्सर घुड़सवार पुलिस की ड्यूटी जुलूस, प्रदर्शन, रैली-धरनों के अलावा ट्रैफिक कंट्रोल के लिए भी लगाई जाती है. इसके अलावा बड़े मेलों, शोभायात्राओं, सवारी, नदियों के किनारे, घाट, खुले पार्कों, ऐसी जगह जहां पुलिस के वाहन नहीं पहुंच सकते हैं, वहां भी इन घुड़सवारों की ड्यूटी लगाई जाती है. इसके अलावा खेल आयोजनों में भी भीड़ को काबू में रखने के लिए घुड़सवार पुलिस लगाई जाती है.

घुड़सवार पुलिस का पहला इस्तेमाल कहां हुआ: घुड़सवार पुलिस की शुरुआत सबसे पहले फ्रांस से हुई थी. इसके बाद अंग्रेज इस पुलिस को भारत लाए. इस दौरान ही घोड़ों की खास ट्रेनिंग से लेकर जिम्मेदारी संभालने की परंपरा चली आ रही है.

कुंभ में कितने पुलिस कर्मी ड्यूटी करेंगे: इस बार जनवरी से शुरू हो रहे महाकुंभ में 40 करोड़ लोगों की आने की संभावना है. ऐसे में प्रयागराज में 180 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई है. ये जवान घोड़े पर बैठकर भीड़ को नियंत्रित करते नजर आएंगे.


घुड़सवार पुलिस के क्या फायदे हैंःअधिकारी के अनुसार यह घुड़सवार कर्मी पैदल सुरक्षा कर रहे पुलिसकर्मियों से ज्यादा कारगर साबित होते हैं, खासकर घोड़े पर बैठा पुलिस का जवान ऊंचाई पर रहने के कारण अधिक दूरी तक नजर बनाए रखने में सक्षम होता है. किसी भी संदिग्ध परिस्थिति को देखते ही वह न सिर्फ खुद बल्कि अन्य पुलिसकर्मियों को मैसेज भेजकर स्थिति को नियंत्रण में करने के लिए नियत स्थान पर पहुंच सकते हैं. इसके साथ ही घुड़सवार पुलिस लोगों पर मनोवैज्ञानिक असर भी रखती है. इससे आसानी से भीड़ को नियंत्रित किया जा सकता है.

महाकुंभ में तैनात होने वाले घोड़ों के नामः महाकुंभ में तैनात होने वाले घोड़े का नामकरण भी किया गया है. इन्हें महाराजा, चेतन, बाहुबली जैसे नाम दिए गए हैं. सभी प्रशिक्षित घुड़सवार जवानों को मेला प्रारंभ होने से पहले पूरे क्षेत्र का भ्रमण कराया जाएगा, ताकि उन्हें क्षेत्र की विस्तार से जानकारी हो जाए.

ये भी पढ़ेंः Watch: अभिनव अरोड़ा बोले, रामभद्राचार्य ने मंच से उतारा तो मुद्दा बनाया, जब आशीर्वाद दिया तो कोई नहीं बोला..माता-पिता से कौन नहीं सीखता..

ये भी पढ़ेंः यूपी के इन 20 यंग IPS अफसरों पर योगी सरकार ने जताया भरोसा, बड़े-अहम जिलों में पोस्टिंग; 2021-23 बैच से हैं सभी पुलिस अधिकारी

ABOUT THE AUTHOR

...view details