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UP रोडवेज का ये बस अड्डा रोज 1100 यात्रियों को 'नमस्ते' कर लौटा देता, आखिर क्या है वजह? - up roadways

अभी तक आपने यूपी रोडवेज की बसों की दुर्दशा की खबरें पढ़ी और सुनी होंगी. आज हम आपको बताने जा रहे हैं एक ऐसे बस अड्डे के बारे में जिसके बारे में जानकर आप हैरत में पड़ जाएंगे. चलिए जानते हैं इस बारे में.

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फर्रुखाबाद बस अड्डे पर खड़ी बसें. (photo credit: etv bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 2, 2024, 11:16 AM IST

फर्रुखाबाद: आपको यूपी रोडवेज की एक नई तस्वीर यहां के बस अड्डे में देखने को मिलेगी. आप जानकर हैरत में पड़ जाएंगे कि यहां रोज 1100 मुसाफिर बिना सफर के ही लौट जाते हैं. आखिर इसके पीछे का पूरा मामला क्या है और इसकी वजह क्या है चलिए आगे जानते हैं.

शासन को भेजा गया पत्र. (photo credit: up roadways)

फर्रुखाबाद जिला यूपी रोडवेज के महत्वपूर्ण बस अड्डों में से एक है. यहां रोज बड़ी संख्या में मुसाफिर सफर के लिए पहुंचते हैं. वर्तमान में इस डिपो के पास 131 बस हैं. इसमें 102 बसे यूपी रोडवेज की और 29 बसें अनुबंधित हैं. यहां से लखनऊ, कानपुर, कन्नौज, औरैया, इटावा समेत कई जिलों के लिए बसें चलतीं हैं. महत्वपूर्ण औद्योगिक जिला होने के कारण यहां रोज बड़ी संख्या में लोग बसों से आवागमन करते हैं. करीब 1100 यात्री यहां से रोज बिना बस में सफर किए ही लौट जाते हैं.

फर्रुखाबाद बस अड्डे से रोज लौट जाते 1100 मुसाफिर. (photo credit: up roadways)
दरअसल, फर्रुखाबाद डिपो में स्टाफ की जबर्दस्त कमी चल रही है. मौजूदा समय में चालक और परिचालकों की कमी इस डिपो को बेहद परेशान कर रही है. इसे लेकर डिपो की ओर से शासन को 107 परिचालकों की मांग की गई है. शासन को भेजे पत्र में जिक्र किया गया है कि स्टाफ न होने के कारण आसपास के 200 किलोमीटर के रूटों पर चलने वाली 20 बसें डिपो में ही खड़ी हैं. ये बसें चल हीं नहीं पा रही हैं. इसके साथ ही रोडवेज को रोज होने वाले बड़े राजस्व की हानि का भी हवाला दिया गया है. एक बस से औसतन रोडवेज को करीब 15 हजार रुपए की कमाई होती है. 20 बसें खड़ी होने से रोज करीब तीन लाख रुपए के राजस्व का नुकसान डिपो को हो रहा है.
फर्रुखाबाद बस अड्डे पर खड़ी बसें. (photo credit: up roadways)
वहीं, अगर एक बस में 55 यात्रियों की संख्या मान ली जाए तो इस लिहाज से डिपो में खड़ी 20 बसों में कुल 1100 यात्री सफर ही नहीं कर पा रहे हैं. उन्हें अन्य किसी साधन से गंतव्य को जाना पड़ रहा है. बसें न चलने के कारण यात्री दूसरे महंगे संसाधन से जा रहे हैं. इसे लेकर उनमें काफी नाराजगी है. डिपा का तर्क है कि उन्होंने इस संबंध में शासन को पत्र भेज दिया है. एआरएम अरविंद मिश्रा का कहना है कि मांग से संबंधित पत्र शासन को भेज दिया है. यात्रियों की समस्या को जल्द दूर करने का प्रयास किया जाएगा.

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