लखनऊ: उत्तर प्रदेश में लगभग 67 लाख 41,118 उपभोक्ता ऐसे हैं, जिन्होंने बिजली तो खूब जलाई, लेकिन बिल आज तक जमा नहीं किया. अब ऐसे उपभोक्ताओं से बिजली बिल वसूलने के लिए उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन प्लानिंग कर रहा है. इन उपभोक्ताओं पर बिजली विभाग का 5000 करोड़ रुपए से भी ज्यादा का बकाया है.
ऐसे उपभोक्ताओं से बिल वसूलने के लिए नोटिस जारी करने की तैयारी है. पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड में सबसे ज्यादा बकाएदार हैं तो दूसरे नंबर पर मध्यांचल विद्युत वितरण निगम भी आंकड़ों में दर्ज है. ऐसे उपभोक्ताओं को पावर कारपोरेशन अपने घाटे में जोड़ लेता है और उसकी भरपाई के लिए विद्युत नियामक आयोग में बिजली दरें बढ़ाने का प्रस्ताव दाखिल कर देता है.
पूर्वांचल में दो लाख 71,511 उपभोक्ताओं ने कभी बिजली का बिल नहीं जमा किया. दक्षिणांचल में आठ लाख 70,301 ने कभी बिजली का बिल नहीं जमा किया. मध्यांचल में 22 लाख 62,198 उपभोक्ताओं ने कभी बिजली का बिल नहीं जमा किया.
पश्चिमांचल में 33 लाख 17,368 उपभोक्ताओं ने कभी बिजली का बिल नहीं जमा किया. केस्को में 19 हजार 740 उपभोक्ताओं ने कभी बिजली का बिल नहीं जमा किया. पांचों बिजली कंपनियों में करीब 67 लाख 41,118 उपभोक्ताओं ने बिजली का बिल ही नहीं जमा किया.
लोक क्यों नहीं जमा करते बिजली बिल: बिल जमा न करने के पीछे एक कारण पावर कारपोरेशन की पॉलिसी भी है. ज्यादातर उपभोक्ताओं को समय पर बिजली बिल ही नहीं उपलब्ध हो रहा है. इससे जब बिल बढ़ जाता है तो एक साथ भुगतान करने में उपभोक्ता ही असमर्थ हो जाते हैं, फिर बिल जमा करने का नाम नहीं लेते हैं.