अयोध्या: रामनगरी में महाशिवरात्रि पर्व भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह उत्सव हिंदू रीति रिवाज के साथ सोमवार को महाशिवरात्रि उत्सव की शुरुआत होगी. प्राचीन नागेश्वर नाथ महादेव मंदिर में पहले दिन तेल पूजन और 25 फरवरी को हल्दी लगाये जाने की परम्परा को निभाया जायेगा. इसके बाद 26 फरवरी को हाथी घोड़ा और बाजे गाजे के साथ शिव बारात निकाली जाएगी. जो रामपथ से होते हुए प्राचीन छीरेश्वर नाथ मंदिर तक जाएगी और भव्य स्वागत के बाद पुनः यह बारात देर शाम नागेश्वर नाथ मंदिर पर पहुंचेगी. रात्रि में वैदिक आचार्य के द्वारा विवाह उत्सव को संपन्न कराया जाएगा.
नागेश्वर नाथ मंदिर के मैनेजर सभापति तिवारी ने बताया कि महाशिवरात्रि को लेकर तैयारी की जा रही है. आयोध्या में इस समय बहुत भीड़ हो रही है. इसको देखते हुए बारात की व्यवस्था की जाएगी. महाशिवरात्रि के दिन बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ होगी. इसको देखते हुए मंदिर के अंदर जलाभिषेक की व्यवस्था बनाई जा रही है.
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महाशिवरात्रि उत्सव के व्यवस्था प्रमुख नन्दकिशोर मिश्रा ने बताया कि महाशिवरात्रि पर भगवान भोलेनाथ की बारात की यात्रा परंपरागत है, जो पिछले कई वर्षों से निरंतर निभाई जा रही है. इसमें महाशिवरात्रि के दिन सुंदर अलौकिक रूप में भगवान को दूल्हा बनकर यह बारात राम की पैड़ी से होते हुए नया घाट, छोटी देवकाली, श्रृंगारघाट के रास्ते जन्मभूमि परिसर के निकट स्थित छीरेश्वर नाथ मंदिर तक निकाले जाने की परम्परा रही है. उसके बाद मंदिर पर ही रात्रि में भगवान का प्रतीकात्मक विवाह संपन्न कराया जाता है. इस वर्ष भी धूमधाम से बारात निकलेगी जाने की तैयारी है.
आईजी प्रवीण कुमार ने बताया कि महाशिवरात्रि पर पूरे अयोध्या मंडल में हर शिवालय पर आवश्यक व्यवस्थाएं की गई हैं. जहां-जहां परंपरागत रूप से शोभा यात्राएं, जुलूस या शिव बरात निकलती थी. उनको भी परंपराओं का सम्मान करते हुए यथोचित रेगुलेशन वहां पर रहेगा. सभी के साथ संवाद के माध्यम से ताकि हो आगे आने वाले श्रद्धालु हैं, उनको कोई असुविधा न हो और परंपरा का सम्मान बना रहे. सभी व्यवस्थाओं को सुचारू रूप से संचालित करेंगे.
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