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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jun 1, 2024, 12:30 PM IST

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संजय निषाद का बड़ा बयान; बोले- रोने-धोने से वोट नहीं मिलता, जो मेहनत करता है वही जीतता - Sanjay Nishad Kajal Nishad

सातवें चरण के मतदान में शहर के पादरी बाजार बूथ पर अपना मतदान करने के बाद डॉ. संजय निषाद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिस तरह से पूरे प्रदेश को मथने के बाद वह सातवें चरण में अपने क्षेत्र गोरखपुर में मतदान कर रहे हैं, उससे यह तय है कि आने वाले समय में केंद्र में मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनेगी.

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निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद मतदान के बाद बाहर जाते हुए. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

गोरखपुर: प्रदेश सरकार के कैबिनेट मंत्री और निषाद पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. संजय निषाद ने गोरखपुर में मतदान करने के बाद बड़ा बयान दिया है. उन्होंने गोरखपुर से सपा प्रत्याशी काजल निषाद पर निशाना साधा है. कहा कि निषादों का वोट हासिल करने के लिए गोरखपुर में गठबंधन की सपा प्रत्याशी काजल निषाद को रोने धोने से वोट नहीं मिलने वाला, जो परिश्रम करेगा वही जीत पाएगा.

सातवें चरण के मतदान में शहर के पादरी बाजार बूथ पर अपना मतदान करने के बाद डॉ. संजय निषाद ने मीडिया से बातचीत में कहा कि जिस तरह से पूरे प्रदेश को मथने के बाद वह सातवें चरण में अपने क्षेत्र गोरखपुर में मतदान कर रहे हैं, उससे यह तय है कि आने वाले समय में केंद्र में मोदी के नेतृत्व में बीजेपी की सरकार बनेगी. 400 पार का परिणाम NDA गठबंधन हासिल करने में सफल होगा और गोरखपुर से भी भाजपा बड़ी अंतर से जीतेगी.

डॉ संजय निषाद ने कहा कि निषाद समाज के लोग गोरखपुर में भारतीय जनता पार्टी प्रत्याशी के पक्ष में ही मतदान करेंगे. वह इसे छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले. इतिहास गवाह है कि जब भी कोई यहां निषाद पार्टी का प्रत्याशी चुनाव लड़ा है, निषाद समाज के लोगों ने उसे पटकनी देने और योगी आदित्यनाथ- भारतीय जनता पार्टी में विश्वास जताया है.

बार-बार यह सवाल उठता है कि 2018 के उपचुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर उनका बेटा इंजीनियर प्रवीण निषाद आखिर फिर कैसे चुनाव जीत गया, तो उन्होंने कहा कि सपा को इस मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि उसने गोरखपुर की सीट 2018 में जीती थी. उसे सफलता तब मिली थी जब सपा के साथ बसपा और पीस पार्टी के साथ निषाद पार्टी चारों मिलकर चुनाव लड़ रहे थे. सिर्फ सपा- बसपा का गठबंधन नहीं था. इसलिए मौजूदा समय में निषाद समाज के लोग निषाद पार्टी और भारतीय जनता पार्टी को छोड़कर कहीं नहीं जाने वाले.

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