लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आंनदी बेन पटेल का कार्यकाल 29 जुलाई को खत्म हो रहा है. गवर्नर नवंबर में 83 वर्ष की हो जाएंगी. UP में अब तक किसी भी गवर्नर को दोबारा मौका नहीं मिला है. अगर आनंदीबेन पटेल को दोबारा मौका मिला तो यह उत्तर प्रदेश की राजनीति में इतिहास होगा.
माना यह जा रहा है कि अगले 3 महीने के लिए आनंदीबेन पटेल को सेवा विस्तार दिया जा सकता है. कुछ अन्य राज्यों में भी सेवा विस्तार की तैयारी चल रही है मगर यह केवल 3 महीने का ही होगा.
उत्तर प्रदेश के अब तक के राज्यपाल. (Photo Credit; Social Media) आनंदीबेन पटेल ने समय-समय पर दिखाए तेवर: आनंदी बेन पटेल ने साल 2019 में 29 जुलाई को उत्तर प्रदेश में राज्यपाल पद पर पदभार ग्रहण किया था. उनके 5 साल का समय पूरा होने जा रहा है. 29 जुलाई को यह कार्यकाल समाप्त हो जाएगा. इससे पहले उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक थे.
कुलपतियों की नियुक्ति में दिखाए तेवर:रामायण के समय राजभवन का दरवाजा सामान्य तौर पर आम लोगों के लिए भी खुला रहता था. मगर आनंदीबेन पटेल के समय में प्रोटोकॉल बढ़ा और एक सख्त प्रशासक की तरह उन्होंने राज भवन को चलाया. प्रदेश भर के विश्वविद्यालय में कुलपतियों की नियुक्ति में उन्होंने अपने तेवर दिखाए.
विनय पाठक पर रहीं मेहरबान:विरोध के बावजूद विनय पाठक जैसे व्यक्ति को उन्होंने विभिन्न पदों पर बैठाए रखा. हाल ही में सीतापुर में पौधरोपण अभियान के दौरान खराब प्रबंधन की वजह से उन्होंने अधिकारियों को जमकर फटकार लगाई थी. समय-समय पर आनंदीबेन पटेल सरकार को आईना दिखाती रहीं हैं.
सेवा विस्तार ज्यादा लंबा नहीं होगा:राजनीतिक विश्लेषक उमाशंकर दुबे ने बताया कि निश्चित तौर पर आनंदीबेन पटेल ने एक अलग ही तरीके से राजभवन को संचालित किया. उनकी सख्ती प्रचलित रही है. हो सकता है कि उनको कुछ समय का सेवा विस्तार मिल जाए. इसकी संभावना व्यक्त की जा रही है मगर यह बहुत लंबा नहीं होगा.
भाजपा के वरिष्ठ नेता संतोष गंगवार और सत्यदेव पचौरी. (Photo Credit; ETV Bharat) उत्तर प्रदेश के बीजेपी के दो नेता बन सकते हैं दूसरे प्रदेश के राज्यपाल: दूसरी ओर आठ अन्य राज्यों में भी राज्यपाल के पद पर बदलाव किया जाना है. इन 8 राज्यों में उत्तर प्रदेश से दो नेताओं को राज्यपाल बनाया जा सकता है. भारतीय जनता पार्टी के इन दो नेताओं में सबसे आगे जो नाम चल रहा है, वह बरेली के पूर्व सांसद संतोष गंगवार और कानपुर के पूर्व सांसद सत्यदेव पचौरी का नाम है. इसके अलावा राजस्थान के वर्तमान राज्यपाल कलराज मिश्र उत्तर प्रदेश के रहने वाले हैं. उनको भी 3 महीने का सेवा विस्तार मिल सकता है. उनकी भी समय अवधि समाप्त हो रही है.
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