लखनऊ:कोलकाता में डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी के बाद अब वर्किंग स्पेस में महिला सुरक्षा पर सवाल उठने लगे है. ऐसे में उत्तर प्रदेश में सभी सरकारी और गैर सरकारी विभागों में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा को लेकर राज्य के गृह विभाग ने सख्त निर्देश जारी करते हुए प्रमुख सचिव, विभाग के अध्यक्षों, डीजीपी, एसपी और डीएम को पालन करने के लिए कहा है.
अपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार ने जारी आदेश में कहा है कि हर ऑफिस में महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था करने के साथ ही उनके रात्रि में आने-जाने के रास्तों को सुरक्षित करना, मजबूत सुरक्षा उपाय, नियमित सुरक्षा ऑडिट, विधिक जानकारी महिला हेल्पलाइन और सहायता सेवाओं की जानकारी देने के साथ ही महिलाकर्मियों को सेल्फ डिफेंस की ट्रेनिंग भी दिलाई जाए.
रात में महिलाओं को सुरक्षित घर तक पहुंचाएःंअपर मुख्य सचिव गृह दीपक कुमार ने जारी आदेश में कहा है कि वर्किंग स्पेस में यदि कोई महिला से जबरन शारीरिक संपर्क, यौन संपर्क का अनुरोध, लैंगिक रूप से भद्दी टिप्पणी, अश्लील किताब, फोटो और वीडियो दिखाना, शारीरिक, मौखिक या अमौखिक लैंगिक प्रकृति का आचरण करना यौन शौषण ही मना जायेगा. अपर मुख्य सचिव गृह ने निर्देश दिए है कि महिला कर्मचारी के रात्रि के समय घर जाने के दौरान उसे सुरक्षित घर पहुंचाने की जिम्मेदारी कंपनी और कार्यालय उठाएं. इसके अलावा रात दस से सुबह 6 बजे के बीच यूपी 112 की PRV भी महिलाओं की मांग पर उन्हे एस्कॉर्ट कर घर पहुंचाएगी.
संदिग्ध स्थानों को चिन्हित करेंःपरिवहन निगम की बसों और प्राइवेट टैक्सी ऐसे Drop-off-Point चिन्हित किये जायें, जहां पर्याप्त प्रकाश व्यवस्था तथा सीसीटीवी कैमरे लगे हों. स्थानीय पुलिस व्यवस्था रात्रि में महिलाओं के आवागमन से संबंधित समस्त कार्यस्थल जैसे कॉलसेंटर, स्वास्थ्य संस्थान, ऑफिस, व्यावसायिक प्रतिष्ठान, सिनेमा हाल, मल्टीप्लेक्स, होटल, रेस्टोरेंट, रेलवे, बस स्टेशन की सूची बनाएं. इसके बाद महिला कर्मियों का विवरण इकट्ठा कर रात के समय का हॉटस्पॉट चिन्हित करें. समय समय पर वहां यूपी 112 और स्थानीय पुलिस पेट्रोलिंग करते रहे.