कानपुर:सूबे के किसानों के लिए अब सात समंदर पार से रुपयों की बारिश होगी. इसके साथ ही किसान अपनी धरा को हरा-भरा भी कर सकेंगे. किसानों को अब एक पेड़ लगाने पर 60 से 70 रुपए तक का भुगतान सिंगापुर की कंपनी करेगी. न तो पेड़ काटना होगा और न ही उसका फल कंपनी को चाहिए. बस पेड़ की देखभाल करनी होगी. यह करार 40 सालों का रहेगा. हर 5 साल में किसान के खाते में पेड़ों के हिसाब से रकम आएगी. आखिर यह पूरी स्कीम क्या है चलिए आगे बताते हैं.
योगी सरकार की ओर से किया गया करारःदरअसल, योगी सरकार के आदेश पर वन विभाग ने द एनर्जी एंड रिर्सोसेज इंस्टीट्यूट (टेरी) व वैल्यू नेटवर्क वेंचर्स एडवाइजरी सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड (वीएनवी) संग करार किया है. इसके तहत अब किसान जब एक पौधा रोपेगा तो उसे पौधा रोपने के एवज में 60 से 70 रुपये सीधे खाते में वीएनवी कंपनी (सिंगापुर) भेजेगी.
एक नजर स्कीम पर. (photo credit: etv bharat gfx)
पंजाब के 3600 किसानों को 45 करोड़ मिल चुकेः मुख्य वन संरक्षक ने केके सिंह ने बताया कि पंजाब के 3600 किसानों ने साल 2017 से लेकर 2022 तक 97 लाख पौधे रोपे तो संस्था द्वारा 45 करोड़ रुपये की राशि खातों में भेजी जा चुकी है. उप्र के छह मंडलों में भी किसानों के खातों में 200 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जारी की जा चुकी है.
यूपी में अब बढ़ेगी हरियाली. (photo credit: up forest department.)
कार्बन क्रेडिट के रूप में हर पांच साल में मिलेगी रकमःसाल 2025 में उप्र के छह मंडलों (कानपुर शामिल) के किसानों द्वारा जो पौधे लगाए जाएंगे तो उन्हें कार्बन क्रेडिट के तौर पर साल 2029 में लाखों रुपये मिलेंगे. हर पांच साल में किसानों को संस्था रुपये देगी. इसके लिए उप्र वन विभाग, द एनर्जी रिर्सोसेज इंस्टीट्यूट (टेरी नई दिल्ली) सिंगापुर क संस्था वैल्यू नेटवर्क वेंचर्स सर्विसेस प्राइवेट लिमिटेड (वीएनवी) के बीच एक करार हुआ है, जिसके तहत उक्त सारी कवायद होगी.
यूपी में किसानों का अब होगा अब बंपर फायदा. (photo credit: up forest department.)
कार्बन क्रेडिट खरीदेगी कंपनीःदरअसल, पेड़ लगाने पर कंपनी एक तरह से कार्बन क्रेडिट परचेज करेगी. इसे वह दूसरे देशों को बेचकर मुनाफा कमाएगी. यह क्रेडिट कार्बन उत्सर्जित करने वाले पौधों पर मिलता है. उप्र के छह मंडलों में किसानों को 202 करोड़ रुपये की राशि इस साल दी जानी है. 25140 किसान पौधारोपण कर चुके हैं. अब दूसरे चरण के साथ कानपुर, अयोध्या, झांसी, मिर्जापुर, अलीगढ़ व वाराणसी में किसान पौधे लगाएंगे.
मुख्य वन संरक्षक ने दी यह जानकारी. (video credit: etv bharat)
कैसे कर सकते हैं आवेदनःइस बाेर में मुख्य वन संरक्षक केके सिंह ने ईटीवी भारत संवाददाता से खास बातचीत की. उन्होंने बताया कि ऐसे किसान जो टेरी व वीएनवी संस्था संग मिलकर पौधारोपण करना चाहते हैं वह कानपुर मंडल के छह जिलों में वन विभाग के कार्यालयों से फॉर्म लेकर पहले फॉर्म भर देंगे. इसकी फीडिंग आनलाइन होगी. इसके बाद साल 2025 में ही किसानों को पौधे लगाने हैं. इनकी साल 2029 तक समय-समय पर टेरी संस्था व वीएनवी के एक्सपर्ट्स आकर जांच करेंगे. इसके बाद 2029 में किसानों के खातों में सीधे प्रति पौधे के हिसाब से राशि भेज दी जाएगी. पौधे चाहे जितने लगा सकते हैं.
संस्था को क्या लाभ होगा:मुख्य वन संरक्षक केके सिंह ने बताया, कई विकसित देश ऐसे हैं जहां पौधारोपण के लिए जमीनें नहीं हैं, मगर उन देशों में प्रदूषण बहुत अधिक है. विकसित देश आर्थिक तौर से समृद्ध भी हैं. उन देशों ने वीएनवी संस्था से करार किया है, और उस करार के तहत वह संस्था से कार्बन परचेज करेंगे और उसके एवज में संस्था को प्रति पौधा 10 डॉलर तक की राशि देंगे. इसमें वीएनवी संस्था को अच्छा कमीशन मिल सकेगा. वहीं, संस्था द्वारा अच्छी राशि उप्र के किसानों को भी मिल जाएगी. इस पूरी कवायद से जहां किसान खुशहाल होंगे, वहीं उप्र में हरियाली भी छा जाएगी.