उत्तर प्रदेश

uttar pradesh

ETV Bharat / state

डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने आउटसोर्सिंग में आरक्षण को लेकर अपनी ही सरकार पर उठाए सवाल, CM योगी के विभाग से मांगी डिटेल - Yogi Vs Keshav Prasad Maurya

उत्तर प्रदेश में सीएम योगी Vs डिप्टी सीएम केशव मौर्य के बीच वायरल हुई चिट्ठी कई सवाल खड़े कर रही है. चिट्ठी पर उपमुख्यमंत्री के हस्ताक्षर 4 जून के हैं. जबकि चिट्ठी डिस्पैच 15 जुलाई को की गई. लगभग 40 दिन का यह अंतर क्यों आ रहा है? यह चिट्ठी 40 दिन तक दबाकर क्यों रखी गई?

Etv Bharat
डिप्टी सीएम केशव मौर्य और सीएम योगी आदित्यनाथ में खींचतान. (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 22, 2024, 1:42 PM IST

Updated : Jul 22, 2024, 3:45 PM IST

लखनऊ: यूपी में सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच चल रही खींचतान में अब एक और चैप्टर जुड़ गया है. दरअसल, प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के नाम से जारी एक चिट्ठी वायरल हो रही है. जिसमें केशव प्रसाद मौर्य की ओर से उत्तर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव नियुक्ति और कार्मिक देवेश कुमार चतुर्वेदी से आउटसोर्सिंग में आरक्षण की जानकारी मांगी गई है.

ये विभाग सीएम योगी के पास है. केशव मौर्य ने अपनी ही सरकार को चिट्ठी लिखकर पूछा है कि उत्तर प्रदेश में हुई संविदा भर्ती के दौरान क्या आरक्षण के मानकों का पालन किया गया है. चिट्ठी की खास बात यह है कि इसमें उपमुख्यमंत्री के हस्ताक्षर 4 जून को दर्शाया जा रहा है. जबकि चिट्ठी डिस्पैच 15 जुलाई को की गई. लगभग 40 दिन का यह अंतर क्यों आ रहा है? इस पर बड़े सवाल उठ रहे हैं. यह चिट्ठी 40 दिन तक दबाकर क्यों रखी गई?.

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की वायरल चिट्ठी. (Photo Credit; BJP)

आखिरकार जब प्रदेश कार्य समिति की बैठक में केशव प्रसाद मौर्य ने संगठन और सरकार के बड़े और छोटे होने का सवाल उठाया, उसके तत्काल बाद इसको क्यों जारी किया गया. इन सारे सवालों के बीच उत्तर प्रदेश में केशव प्रसाद मौर्य और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बीच कथित रस्साकशी जारी है.

वायरल चिट्ठी के मुताबिक डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य का मानना है कि आउटसोर्सिंग पर दी जाने वाली नौकरी में रिजर्वेशन नहीं दिया जाता है. जबकि यूपी सरकार ने साल 2008 में ही कॉन्ट्रैक्ट पर दी जाने वाली नौकरी में इसकी व्यवस्था की थी.

डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने योगी सरकार से पूछा है कि अब तक कितने पिछड़े और दलितों को आउटसोर्सिंग में नौकरी दी गई है. उन्होंने इसके लिए 15 जुलाई को नियुक्ति और कार्मिक विभाग के प्रमुख को चिट्ठी लिखी है.

ये भी पढ़ेंःभाजपा में घमासान; अखिलेश का मानसून ऑफर, केशव मौर्य के तेवर...क्या गिर जाएगी योगी की सरकार

बता दें कि इससे पहले भाजपा की सहयोगी अपना दल एस की सांसद और केंद्र सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल भी आउटसोर्सिंग में आरक्षण पर सवाल उठा चुकी हैं. इसको लेकर उन्होंने योगी सरकार को चिट्ठी भी लिखी थी. उन्होंने अंबेडकरनगर से सपा सांसद लालजी वर्मा के योग्य न होने का हवाला दे कर आरक्षित पदों को खत्म करने का मुद्दा उठाया था.

ये भी पढ़ेंःआरक्षण पर रार; लालजी वर्मा की पोस्ट पर अनुप्रिया पटेल ने सीएम योगी को लिखी चिट्ठी, कहा-खत्म न किया जाए आरक्षण

झगड़े में नया फ्रंट खुल गया:दिलचस्प यह है कि बीजेपी के सहयोगी दल निषाद पार्टी के अध्यक्ष संजय निषाद तो केशव मौर्य को पिछड़ों का सबसे बड़ा नेता बता चुके हैं. अब तक के इस मुद्दे पर सीएम योगी आदित्यनाथ को बीजेपी की सहयोगी पार्टियां ही घेर रही थीं. लेकिन अब तो सीधे-सीधे हमला यूपी सरकार में नंबर 2 की तरफ से किया गया है. संगठन और सरकार विवाद के बाद अब सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव के झगड़े में नया फ्रंट खुल गया है.

लोकसभा चुनाव में बीजेपी के खराब प्रदर्शन के लिए पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व प्रदेश के बड़े नेताओं से लगातार फीडबैक ले रहा है. केंद्रीय नेतृत्व हार के कारणों की तलाश में जुटी है. अब तक जो फीडबैक सामने आए हैं उसके मुताबिक, पिछड़े और दलितों का पार्टी से मोहभंग हो जाना भी बड़ी वजह है.

ये भी पढ़ेंःYogi सरकार में सबकुछ ठीक नहीं; प्रयागराज में सीएम की बैठक में फिर नहीं पहुंचे डिप्टी सीएम, RSS-BJP की बैठक भी टली

पिछले दिनों उपमुख्यमंत्री ने 16 जुलाई को बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी और प्रदेश में चुनाव में बीजेपी के खराब प्रदर्शन को लेकर अपना फीडबैक दिया था. मुलाकात के अगले ही दिन डिप्टी सीएम मौर्य ने बुधवार को X पर लिखा था, “संगठन सरकार से बड़ा है, कार्यकर्ताओं का दर्द मेरा दर्द है. संगठन से बड़ा कोई नहीं, हमारे लिए कार्यकर्ता ही गौरव हैं.

ये भी पढ़ेंः'संगठन सरकार से बड़ा...' केशव मौर्य के इस बयान के क्या है मायने; क्या भाजपा में हो रही सीएम योगी की खिलाफत

विधान परिषद में पूछे गए हैं सवाल: संविदा क्षेत्र में सरकार की ओर से दी जाने वाली नौकरियों में आरक्षण को लेकर विधान परिषद में सवाल पूछे जा चुके हैं. भारतीय जनता पार्टी की ओर से केशव प्रसाद मौर्य विधान परिषद में नेता सदन हैं. ऐसे में मुख्यमंत्री के विभाग से संबंधित सवाल उन्हीं से पूछे जाते हैं. इसलिए वे अपर मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी से सदन में सवाल के विस्तृत जवाब को लेकर चिट्ठी लिख सकते हैं. मगर चिट्ठी पर साइन की तारीख और डिस्पैच की तारीख में 40 दिन का अंतर होने को लेकर बड़े सवाल उठ रहे हैं.

ये भी पढ़ेंःलखनऊ लौटते ही केशव प्रसाद मौर्य के बदले सुर; अखिलेश पर हुए हमलावर, बोले- यूपी में रहेगी डबल इंजन की सरकार

Last Updated : Jul 22, 2024, 3:45 PM IST

ABOUT THE AUTHOR

...view details