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यूपी पुलिस की संवेदनहीनता, दारोगा ने भतीजे के अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी लेने गए चाचा समेत 2 को जमकर पीटा - Inhuman face of UP Police - INHUMAN FACE OF UP POLICE

बाराबंकी में किसान के बेटे की लाश अंतिम संस्कार का इंतजार करती रही. दूसरी तरफ पुलिस चाचा और उसके जीजा को बुरी तरह से पीटती रही. ग्रामीणों में पुलिस की इस हरकत से आक्रोश है. ग्रामीणों ने इस घटना के बाद थाने का घेराव किया.

ग्रामीणों ने थाने पहुंचकर घेराव किया.
ग्रामीणों ने थाने पहुंचकर घेराव किया. (PHOTO Credit; Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : May 24, 2024, 8:13 AM IST

मृतक के चाचा ने की न्याय की गुहार (etv bharat reporter)

बाराबंकी : जिले की पुलिस पर संवेदनहीनता के आरोप लगे हैं. आरोप है कि युवक की मौत के बाद दाह संस्कार के लिए लकड़ियां काटने गए परिजनों को पुलिस ने जमकर पीटा. आक्रोशित ग्रामीणों ने देर रात थाने पहुंचकर हंगामा किया. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधिकारियों ने किसी तरह मामला शांत कराया. पुलिस की इस मनमानी के कारण बुधवार रात होने वाला दाह संस्कार गुरुवार को हो पाया.

जैदपुर थाना क्षेत्र के मुखतीपुर मजरे बीबीपुर निवासी हनुमान प्रसाद और उनका 35 वर्षीय बेटा राकेश बुधवार को तकरीबन 2 बजे खेत की सिंचाई कर रहे थे. धूप तेज थी, शायद यही वजह रही कि राकेश की तबीयत बिगड़ी और वह अचेत होकर पास ही एक गड्ढे में गिर गया. लोग दौड़कर उसके पास पहुंचे तब तक उसकी मौत हो चुकी थी. रोते बिलखते परिजन शव को घर ले आए और रिश्तेदारों को इसकी खबर दी.

रिश्तेदार मौके पर पहुंचे. इसके बाद अंतिम संस्कार की तैयारी शुरू हुई. समस्या लकड़ी की आई. किसी ने स्थानीय फारेस्टर से लकड़ी दिलाने की गुहार लगाई तो फारेस्टर ने मौखिक रूप से कहा, कि जाकर लकड़ी काट लो. लिहाजा राकेश के चाचा नवल किशोर अपने दामाद के साथ पास में ही रारी नदी के समीप लकड़ी काटने चले गए.

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सड़क के किनारे एक सूखे पेड़ को नवल किशोर काट रहा था. आरोप है, कि उसी दौरान दरोगा राकेश यादव मौके पर पहुंचा और सरकारी पेड़ काटने से मना करते हुए नवल किशोर की पिटाई शुरू कर दी. आरोप है कि दामाद को भी दरोगा ने जमकर पीटा. चाचा नवल किशोर सिफारिश करता रहा कि लकड़ी अंतिम संस्कार के लिए चाहिए. इसके बावजूद दारोगा नहीं माना. उसने लकड़ी उठाने से मना करते हुए मुकदमा लिखाने की बात कही. इसके बाद दारोगा चला गया.

इसके बाद चाचा और जीजा दोनों बिन लकड़ी लिए आ गए. गांव वालों को जब यह पता चला तो वे आक्रोशित हो गए और सैकड़ों की तादाद में जैदपुर थाने पहुंच गए. थाने पहुंचे ग्रामीणों को थाने के अंदर नहीं जाने दिया गया. लिहाजा ग्रामीणों ने घण्टों थाने के बाहर हंगामा किया. आखिरकार, पुलिस के आश्वासन पर मामला शांत हुआ और ग्रामीण वापस लौटे. एडिशनल एसपी डॉ अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि पूरे मामले की जांच सीओ को सौंपी गई है.जांच रिपोर्ट आने पर मामले की वैधानिक कार्रवाई की जाएगी.

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