धमतरी : आज के दौर मेंप्रकृति को बचाना सबसे मुश्किल काम है. बहुत कम लोग हैं, जिन्हें पर्यावरण की चिंता है.उन्हीं कम लोगों में से एक हैं, धमतरी जिले में रहने वाले साहू दंपति. यह दंपति समाज को फलदार पेड़ लगाकर प्रकृति प्रेम और संरक्षण का संदेश दे रहे हैं. इन्होंने ना सिर्फ खुद फलदार पेड़ लगाएं हैं, बल्कि हजारों लोगों को अपने खर्चे पर पेड़ बांटे भी हैं. इन्होंने जो पेड़ बांटे हैं, उनमें पपीता,अमरुद,आम,नारियल जैसे पेड़ शामिल हैं. वहीं हल्दी और दूसरे औषधीय पौधों का वितरण भी साहू दंपति ने किया है.
आधी सैलरी से करते हैं योगदान :जिस दंपति की हम बात कर रहे हैं, उनका नाम तुमनचंद और रंजीता साहू है. वह धमतरी के मगरलोड ब्लॉक से लगे भैंसमुंडी गांव में रहते हैं. दंपति ने शासकीय सेवा करते हुए अपनी आधी सैलरी गौ सेवा, पर्यावरण और नवाचार शिक्षा के लिए देने का फैसला किया है. इनके इस निश्चय को देखकर लोगों को भी प्रेरणा मिल रही है. तुमनचंद साहू कहना है कि हमारा एक ही उद्देश्य है “सेवा परमो धर्म:”, अच्छा इंसान और समाज निर्माण के लिए प्रयास करना “. यह नैतिक मूल्यों और जीवन आदर्शो पर आधारित शिक्षा से संभव है. आज प्रकृति को बचाना बहुत जरुरी है.हम बच्चों के माध्यम से हर घर पर ये संदेश फैला रहे हैं कि पेड़ हमारे लिए कितने जरुरी हैं.
आधे एकड़ खेत में लगाए फलदार वृक्ष (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
पेड़ लगाबो तभे तो फल खाबो का दिया नारा :रंजीता साहू और तुमनचंद साहू ने बताया कि उन्होंने खेत में जल संरक्षण, जीव जंतु प्राणी के कल्याण के लिए आधा एकड़ में खुद के खर्च पर तालाब बनाया है. साथ ही अपने खेत में 1100 फलदार वृक्ष लगाए गए हैं. अमरूद के पेड़ ज्यादा हैं. साल भर देख-रेख करते हैं और फल लगने पर स्कूल और सामाजिक संस्थाओं में नि:शुल्क बांटते हैं. सभी लोगों को ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने के लिए प्रेरित करते हैं. उन्होंने इसके लिए एक नारा "पेड़ लगाबो तभे तो फल खाबो" भी दिया है.
आधे एकड़ खेत में लगाए फलदार वृक्ष (ETV BHARAT CHHATTISGARH) साहू दंपति गौ सेवा के साथ परम धर्म में करते हैं भरोसा (ETV BHARAT CHHATTISGARH) स्कूल में बच्चों को पेड़ लगाने की दे रहे सीख (ETV BHARAT CHHATTISGARH) स्कूल बच्चों को अपने अभियान में जोड़ा (ETV BHARAT CHHATTISGARH) 17 हजार किलो अमरुद बांट चुके साहू दंपति (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
मीठे फल जब बच्चों को मिलते हैं तो उससे उनका पोषण तो होता ही है स्वाद चख कर पेड़ लगाने के लिए वे भी स्व प्रेरित होते हैं. पेड़ लगाने से क्या फायदे हैं, उन्हें समझाने की जरूरत नहीं होती है. बच्चे फलदार वृक्ष लगाने के बारे में सोचते हैं. एक काम और हजारों पुण्यों का काम हो जाता है, इसलिए पेड़ लगाना और तालाब कुआं का निर्माण परम पुण्य कार्य है. बढ़ती महंगाई, बढ़ती बीमारियों, जैविक भोजन की कमी और पर्यावरण असंतुलन सबका एक ही समाधान है पेड़ लगाना - तुमनचंद साहू, पर्यावरण प्रेमी
लोगों के दिलों में साहू दंपति के लिए खास जगह :धमतरी के पर्यावरण प्रेमी और स्थानीय लोगों का कहना है कि तुमनचंद और रंजीता साहू मिलकर प्रकृति को बचाने का काम कर रहे हैं. धमतरी विधायक ओंकार साहू ने कहा कि ''हमारे समाज में ऐसे दंपति काफी कम हैं.'' उन्होंने सरकार से मांग की है कि दोनों को इस काम के लिए सम्मान मिले. वहीं वरिष्ठ पत्रकार अभिषेक पाण्डेय का कहना है कि ''आने वाले सौ साल के बाद आज की जो स्थिति है, उससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पानी और हवा के लिए लोग तरस जाएंगे. हमारी आने वाली पीढ़ी को बहुत कठिनाई हो सकती है. जिसने दूरदृष्टि देख ली है, वह अभी से पर्यावरण को संतुलित करने में जुट गया है. तुमनचंद और रंजीता साहू का कार्य दूर दृष्टिता का परिणाम है.'' वहीं पर्यावरण प्रेमी का मानना है कि पेड़ और फलदार वृक्ष लगाने पर मानव और पशु द्वंद कम हो सकता है.
आज जिस प्रकार से जंगलों की कटाई हो रही है. आने वाला समय भयावह स्थिति पैदा कर सकती है. जिस प्रकार जंगली जानवरों का शहर में आना शुरू हो गया है, मनुष्यों पर जंगली जानवर हमला कर रहे हैं. ये सब जंगलों की कटाई की वजह से हो रहा है. जंगल के अंदर अतिक्रमण के कारण दाना पानी कुछ नहीं बच रहा है.जिसके कारण अब जानवर जंगलों से बाहर आ रहे हैं.साहू दंपति ने जो पर्यावरण के लिए कदम उठाया है, वो काफी सराहनीय है -तल्लीनपुरी गोस्वामी, पर्यावरण प्रेमी
17 हजार किलो अमरुद का वितरण :साहू दंपति के मुताबिक उन्होंने 100 से ज्यादा स्कूलों में अब तक 15 हजार बच्चों को अमरूद बांटे हैं. इसके अलावा राहगीर, कृषक, संस्थाओं और परिचितों को अमरुद बांटते हैं. अनुमान के मुताबिक अब तक लगभग 17 हजार किलो अमरूद साहू दंपति बांट चुका है. बेस्ट क्वॉलिटी का जैविक अमरूद उपहार स्वरूप बांट चुके हैं. यह सिलसिला लगातार चल रहा है. अमरूद इतने स्वादिष्ट और लाजवाब हैं कि जिसने चखा उसने कहा वाह क्या बात है. साथ ही पेड़ लगाने की बात भी मानी.
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