अमेठी : केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी जन संवाद यात्रा के माध्यम से चार दिनों के लिए अमेठी दौरे हैं. सोमवार को स्मृति ईरानी ने कांग्रेस और राहुल गांधी पर जमकर हमला बोला. उन्होंने कहा कि अमेठी का यह सौभाग्य है कि देश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विशेष कर देश के पीएम, जिन्होंने वर्ष 2014 में वादा किया था कि वह बदलाव की राजनीति लेकर आए हैं. उनके प्रयास से इन्वेस्टर समिति हुई. उनके सौजन्य से अमेठी में 6523 करोड़ का निवेश आया है. यह एमओयू नहीं है, यह धरातल पर इंप्लीमेंट हुआ है.
स्मृति ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि आजादी के बाद से वर्ष 2014 तक जब नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री बने तब तक अमेठी में लघु उद्योग की दृष्टि से 60 साल से ज्यादा वर्षों में मात्र 500 करोड़ रुपये आया. लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 10 वर्ष के कार्यकाल में उस लघु उद्योग क्षेत्र के लिए एक लाख 71 हजार लाभार्थी अमेठी में लाभ पाए. जिन्हें 2160 करोड़ रुपये दिया गया. ताकि वह छोटे-छोटे उद्योग कर सकें. प्रधानमंत्री को संसद में आपने यह कहते सुना कि देश में आठ लाख लखपति दीदी बनी हैं, यह हमारा गौरव है. मैं अमेठी सांसद के रूप में गौरवान्वित महसूस कर रही हूं कि देश में लगभग आठ लखपति दीदी बनी हैं. यह आंकड़ा यह बताता है कि जीवन में क्या बदलाव आया है. अमेठी में उसका प्रतिबिंब है. आज जो लोग अमेठी को सत्ता का केंद्र मानते थे, लेकिन सेवा नहीं देते थे. जब वह गाजे बाजे के साथ आए तो अमेठी के लोग उनके स्वागत के लिए अनुपस्थित रहे. उन्हें सुल्तानपुर, प्रतापगढ़ से लोग ढोकर लाने पड़े. जिनको दिनभर रहना था. वह कुछ लम्हे बिताकर यहां से गुजर गए. अमेठी वालों का क्या कसूर है. फिलहाल वह लोग यह भी नहीं भूले की जो व्यक्ति वायनाड में उत्तर भारत खासकर अमेठी के लिए जो बात कही थी कि अमेठी के लोगों की समझ ठीक नहीं है. तब से अमेठी का नागरिक व्यथित है.
राहुल गांधी पर निशान :केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा कि जो लोग अमेठी को सत्ता का केंद्र मानते थे. आज जब अमेठी आए तो लोगों का सहयोग नहीं मिला. अमेठी की सुनीं सड़के उनके स्वागत के लिए मिलीं. अमेठी के लोगों का अब गांधी खानदान से कोई रिश्ता नहीं है. जैसे बरसात में कुछ प्राणी नजर आते हैं. उसी प्रकार से वह भी जब वोटों की बरसात की अपेक्षा होती है तब नजर आते हैं. आज यह स्थित हो गई है कि बाहर के कार्यकर्ताओं को अमेठी में बुलाना पड़ा. अमेठी का नागरिक व्यथित है. यहां के पूर्व सांसद ने राम लला का निमंत्रण ठुकरा दिया. रायबरेली की सीट भी गांधी परिवार ने छोड़ दी. अमेठी में कांग्रेस कार्यकर्ता खुद न्याय यात्रा में शामिल नहीं हुए.
राहुल गांधी को खुद सहारे की जरूरत :पूर्व मुख्यमंत्री एवं सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के यात्रा में शामिल न होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति बिना सहारे के अपनी पैतृक सीट पर नहीं लड़ सकता. उसको कोई भी नेता क्यों सहायता दे. अमेठी वह लोकसभा क्षेत्र है, जहां पर साल 2019 में मैंने सिर्फ कांग्रेस से प्रत्याशी से ही नहीं लड़ी थी. मैं एक ऐसे प्रत्याशी से लड़ी थी, जो सपा और बसपा के सहयोग से लड़ा था. उन्होंने कहा कि जिन्हें खुद सहारे की जरूरत है दूसरों का सहारा कैसे बनेंगे.