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केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल बोले, नए कानूनों से मिलेगा त्वरित न्याय, जीवन हो जाएगा सरल - Union Law Minister Arjun Meghwal

केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि न्यू क्रिमिनल लॉ जिसे हम क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम का पार्ट कहते हैं. आईपीसी की जगह भारतीय न्याय सहिंता, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, ऑल इंडियन एविडेंस की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम, यह 1 जुलाई से पूरे देश में लागू हुआ है.

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केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल. (फोटो क्रेडिट; Etv Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 12, 2024, 4:41 PM IST

वाराणसी: केंद्रीय कानून एवं संसदीय कार्य राज्य मंत्री अर्जुन राम मेघवाल अपने एक दिवसीय दौरे पर वाराणसी पहुंचे. वाराणसी के सर्किट हाउस में उन्होंने कहा कि 1 जुलाई से लागू हुए तीनों नए कानून भारत के लोगों के जीवन को सरल और त्वरित न्याय दिलाने वाले कानून साबित होने वाले हैं. हम लोगों ने पूरी व्यवस्था को पारदर्शी तरीके से लोगों की जीवन को सुलभ बनाने का प्रयास किया है.

उन्होंने कहा की नए कानून में पुराने कानून व्यवस्था की कमियों को दूर किया गया है. त्वरित न्याय के लिए डिजिटल प्रक्रिया को भी पुरजोर तरीके से अपनाने पर बल दिया गया है. सजा के प्रावधानों के साथ-साथ जमानत की प्रक्रिया को भी सरल किया गया है.

केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन मेघवाल ने तीन नए कानूनों के बारे में बताया. (वीडियो क्रेडिट; Etv Bharat)

एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि बीते दिनों संसद के विशेष सत्र, जिसमें सदस्यों को शपथ ग्रहण कराया गया, उसमें विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने तो अपनी पूरी बात कर ली, लेकिन जब प्रधानमंत्री को बोलने का और उनके विचारों को सुनने का समय आया तो यह लोग विरोध करते हुए बाहर हो गए.

उन्होंने बताया कि 22 जुलाई से 12 अगस्त तक संसद का बजट सत्र चलेगा. इसमें 23 जुलाई को बजट पेश किया जाएगा. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मेघवाल ने कहा कि न्यू क्रिमिनल लॉ जिसे हम क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम का पार्ट कहते हैं. आईपीसी की जगह भारतीय न्याय सहिंता, सीआरपीसी की जगह भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, ऑल इंडियन एविडेंस की जगह भारतीय साक्ष्य अधिनियम, यह 1 जुलाई से पूरे देश में लागू हुआ है.

इतने अच्छे यह कानून है, जिसके माध्यम से चीजें और आसान हो जाएंगी. एक प्लेटफार्म है, जिसको हम ई-कोर्ट प्लेटफार्म बोलते हैं. ई प्रिजनर प्लेटफार्म भी इसका हिस्सा है. जैसे ही पीठासीन अधिकारी फैसला सुनाएंगे वैसे ही यह पोर्टल पर अपलोड होगा.

पहले फैसला सुनाने के बाद जेल में जाना होता था. फैसले की कॉपी लेकर, कई बार 2 दिन तक यह प्रक्रिया में लगता था, जेल से बाहर आने में 2 दिन लगता था. कभी-कभी शाम को 6:00 बजे ऑर्डर पहुंचता था और जेल सुपरिंटेंडेंट उसे रिसीव नहीं करता था, लेकिन अब कोई भी फैसला आने के बाद की कोर्ट पोर्टल पर उसे अपलोड किया जाएगा और इसके बाद वह ई प्रिजनर पोर्टल पर जाएगा.

इसके बाद 15 मिनट में यह पता चल जाएगा जो ट्रायल पर कैदी था उसे कोर्ट ने छोड़ दिया है. इससे बेवजह समय की बर्बादी नहीं होगी और जो भी लोग होंगे उन्हें तत्काल न्याय मिलेगा. उन्होंने कहा कि कोई छोटा अपराध किया है तो उसे कम्युनिटी सेवा के आधार पर जीरो एफआईआर के आधार पर भी कार्य किया जा सकेगा.

अब ट्रेन में यात्रा के दौरान चोरी होने पर भी घर जाने के बाद भी जीरो एफआईआर करवाई जा सकेगी. उसके बाद वह जो थाना क्षेत्र में जाना होगा, उसे ऑटोमेटिक भेज दिया जाएगा. यह ईज ऑफ लिविंग है. इससे केसेस की पेंडेंसी खत्म होगी और लोगों को जल्द न्याय मिलेगा.

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