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मध्यप्रदेश में लागू हो रहा यूपीएस? कर्मचारियों के पेंशन में बड़ा बदलाव, ऐसे मिलेगा सुकून का रिटायरमेंट - Mohan Yadav Cabinet on UPS

मध्यप्रदेश में कर्मचारियों का यूपीएस यानी यूनिफाइड पेंशन स्कीम को लेकर विभागीय स्तर पर काम तेज हो गया है. पिछले दिनों खबर थी कि वित्त विभाग यूपीएस की स्टडी कर इसकी रूप रेखा मध्य प्रदेश सरकार के सामने रखेगा. माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में मोहन यादव कैबिनेट इसे लेकर जल्द फैसला ले सकती है.

UNIFIED PENSION SCHEME MADHYA PRADESH
जानें मध्यप्रदेश में कब लागू होगी यूपीएस? (Etv Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 5, 2024, 3:37 PM IST

Updated : Sep 5, 2024, 6:46 PM IST

भोपाल : केंद्र सरकार द्वारा लाई गई इस योजना को विभिन्न भाजपा शासित राज्य भी अपना रहे हैं. पिछले रविवार महाराष्ट्र केंद्र की इस पेंशन योजना को अपनाने वाला पहला राज्य बन गया. महाराष्ट्र के बाद मध्यप्रदेश में भी इसे जल्द लागू किया जा सकता है. बता दें कि नई पेंशन योजना यानी यूपीएस कई मामलों में ओपीएस यानी ओल्ड पेंशन स्कीम और एनपीएस यानी नेशनल पेंशन स्कीम से अलग है. इस पेंशन योजना कर्मचारियों के हित के लिए ओपीएस से भी कुछ चीजें ली गई हैं.

मध्यप्रदेश में कब लागू होगी यूपीएस?

मध्यप्रदेश में यूपीएस कब लागू होगा? इसका जवाब है कि विभाग द्वारा योजना का ड्राफ्ट तैयार किए जाने के बाद इसे मोहन यादव कैबिनेट के सामने रखा जाएगा. जैसे ही कैबिनेट में यूपीएस पर मुहर लगती है, ये योजना मध्यप्रदेश में भी लागू हो जाएगी. इसके लिए मोहन यादव सरकार की आगामी कैबिनेट बैठक का इंतजार करना होगा.

मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को यूपीएस से क्या लाभ?

केंद्र सरकार की तरह मध्यप्रदेश में यूपीएस लागू होने से कर्मचारियों को इसका कई तरह से लाभ मिल सकता है. मध्यप्रदेश में नए कर्मचारी ओल्ड पेंशन स्कीम जैसी योजना की मांग कर रहे थे, जिसमें एक निश्चित पेंशन रिटायरमेंट के बाद मिलती है लेकिन नेशनल पेंशन स्कीम से सरकारी कर्मचारियों को मिलने वाली पेंशन निश्चित नहीं है और बाजर के निवेश और जोखिम पर आधारित है. ऐसे में यूपीएस कई मामलों में एनपीएस से बेहतर है. इस पेंशन स्कीम के तहत निश्चित और एकमुश्त पेंशन मिलने का प्रावधान है और इसमें किसी प्रकार का जोखिम भी नहीं होगा.

कर्मचारी संघों को अब भी ओपीएस से मोह

भले ही यूपीएस को एनपीएस से बेहतर बताया जा रहा पर कई कर्मचारी संघ इसका विरोध भी कर रहे हैं. पिछले दिनों तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने कहा था, '' इस नई पेंशन योजना के मध्यप्रदेश में लागू होने से कर्मचारियों को होने वाला नुकसान कम जरूर हुआ है पर नुकसान खत्म नहीं हुआ. केंद्र सरकार द्वारा यूपीएस के माध्यम से एनपीएस की समस्याओं को दूर करने का जो फैसला है उसका हम स्वागत करते हैं, लेकिन केंद्र सरकार को ओपीएस (ओल्ड पेंशन स्कीम) ही लागू करना चाहिए.''

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यूपीएस (यूनिफाइड पेंशन स्कीम) क्या है ?

यूनिफाइड पेंशन स्‍कीम (UPS) में 25 साल की सेवा पूरी होने पर कर्मचारी के रिटायरमेंट पर उसकी बेसिक सैलरी का 50 प्रतिशत पेंशन के रूप में दिया जाएगा. अगर सेवा 10 साल या उससे कम समय तक है तो कर्मचारी को रिटायरमेंट के दौरान उसके कार्यकाल के अनुरूप और कम से कम 10 हजार रु महीने की निश्चित पेंशन दी जाएगी. इस योजना में सरकार और कर्मचारी दोनों का योगदान होगा. खास बात ये है कि सरकार इस यूपीएस में एनपीएस से 4.5 प्रतिशत ज्यादा यानी 18.5 प्रतिशत का योगदान देगी. अब देखना ये होगा कि कर्मचारियों की नाराजगी दूर करते हुए मोहन यादव सरकार कैसे यूपीएस को मध्यप्रदेश में लागू करती है.

Last Updated : Sep 5, 2024, 6:46 PM IST

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