रांची: झारखंड में लेफ्ट की दो बड़ी ताकतें एक हो गयी हैं. 25 जुलाई को रांची में दोनों दलों के नेताओं के बीच एकीकरण को लेकर बनी सहमति ने अब आकार ले लिया है. शनिवार को भाकपा माले सांसद व पोलित ब्यूरो सदस्य राजाराम सिंह और मासस के कार्यकारी अध्यक्ष एवं भूतपूर्व विधायक अरूप चटर्जी ने दोनों दलों के एकीकरण चार्टर्ड पर अपनी सहमति दे दी. इस एकीकरण की आधिकारिक घोषणा जनता के बीच 09 सितंबर को धनबाद में होने वाली महारैली में की जाएगी.
सीपीआई माले और मासस के इस एकीकरण का प्रभाव राज्य की राजनीति पर पड़ेगा क्योंकि बगोदर, राजधनबार, निरसा, सिंदरी, जमुआ जैसे कुछ विधानसभा सीटें ऐसी हैं जहां सीपीआई माले और मासस का अच्छा प्रभाव और संगठन है.
राज्य के इंडिया ब्लॉक में भी एकीकरण का होगा स्वागत
सीपीआई माले और मासस के नेताओं ने कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में फासीवादी और कॉर्पोरेट परस्त व्यवस्था को परास्त करने के लिए दोनों संगठनों ने एक होने का फैसला लिया है. केंद्रीय स्तर से ग्रास रूट स्तर तक के ढांचों के एकीकरण की प्रक्रिया अब शुरू हो चुकी है. एक महीने के भीतर यह प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी. दोनों दलों के नेताओं ने कहा कि आगामी विधानसभा चुनाव की संभावित विधानसभा सीटों की एक सूची तैयार की गयी है. एकीकृत पार्टी पूरी ताकत से विधानसभा का चुनाव लड़ेगी. दोनों दलों के नेताओं ने कहा कि हमें पूर्ण भरोसा है कि हमारे एकीकरण के इस निर्णय को INDIA गठबंधन की शक्ति वृद्धि के ब
तौर पर आत्मसात करेगी.
विधानसभा चुनाव में सांप्रदायिक और कॉरपोरेट परस्त ताकतों की होगी हार
भाकपा माले और मासस के नेताओं ने कहा कि इस विलय से झारखंड के विधानसभा चुनाव में कॉरपोरेट परस्त एवं सांप्रदायिक ताकतों की हार निश्चित करेगा.
पार्टी के नेताओं ने कहा कि मेहनतकशों की एकता और जीत से राज्य की राजनीति में एक नये अध्याय की शुरुआत होगी.
09 सितंबर को धनबाद महारैली में दीपांकर भट्टाचार्या होंगे शामिल