बांधवगढ़ के गांवों में जंगली हाथियों का आतंक खत्म करने के लिए ग्रामीणों ने ईजाद किया नायाब तरीका
Umaria wild elephants terror : उमरिया जिले में बांधवगढ़ के आसपास बसे गांवों व खेतों में हाथियों के आतंक को रोकने के लिए हाथी मित्र दलों की मदद से ग्रामीणों ने विशेष तरीका अपनाया है. कंडे (उपले) में मिर्ची डालकर जलाया जाता है, जिससे हाथी ऐसी जगहों से आने से डरते हैं.
उमरिया।इस समय रबी फसल तैयार हो चुकी है. लेकिन किसानों को इस समय जंगली हाथियों का खौफ सता रहा है. रबी की इस फसल को खाने के लिए जंगली हाथियों के हमले की घटनाएं बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के आसपास बसे गांव पतौर, पनपथा, ताला, चांसुरा, इलाके में काफी बढ़ गई हैं. ऐसे में हाथियों और इंसानों के बीच संघर्ष और बढ़ गया है. लेकिन हाथी मित्र दल ने इसे रोकने के लिए एक अनूठी पहल की है. मिर्च वाले कंडे, मशाल और तंबाकू से हाथी मित्र दल के सदस्य हाथियों पर लगाम कस रहे हैं.
ग्रामीणों को हाथियों की सुरक्षा की भी ट्रेनिंग दी
वाइल्ड लाइफ ट्रस्ट आफ इंडिया के कंसल्टेंट पुष्पेंद्र नाथ द्विवेदी ने बताया कि बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के सबसे ज्यादा हाथी प्रभावित एरिया में 5 सदस्यीय हाथी मित्र दल का गठन किया गया है. इन हाथी मित्र दलों की संख्या 20 है, जिन्हें जंगली हाथियों से सुरक्षा के साथ हाथियों की सुरक्षा की भी ट्रेनिंग दी गई है. यही हाथी दल अलग-अलग गांव में जंगली हाथियों से रबी की फसल और लोगों की जान की सुरक्षा के लिए तैयारी करवा रहे हैं. दरअसल, मिर्च वाले कंडे जंगली हाथियों से रबी की फसल को बचाएंगे. सिर्फ मिर्च वाले कंडे ही नहीं, मिर्च वाली मशाल और तम्बाकू के क्षार से फसलों की रक्षा होगी. जिसकी गांव में तैयारी चल रही है.
मिर्च वाले कंडे जलने से भाग जाते हैं हाथी
पुष्पेंद्र नाथ द्विवेदी ने बताया कि यह मिर्च वाले कंडे तैयार करने के बाद जब खेत के चारों तरफ सुलगाया जाते हैं तो इससे धुंए की चादर फैल जाती है और जब जंगली हाथी इसके भीतर प्रवेश करते है तो उसकी आंखों और सूंड जैसे संवेदनशील अंगों में तेज मिर्ची लगती है. इससे वह बिना फसल बर्बाद किए भाग जाता है. इससे हाथियों को बिना शारीरिक नुकसान किए उन्हें खेतों और बस्ती से दूर रखा जा सकता है. बता दें कि जैसे ही फसल बढ़ना और पकना शुरू होती है, वैसे ही जंगली हाथियों का उत्पात शुरू हो जाता है. दरअसल, जंगली हाथियों को फसल की महक अपनी तरफ आकर्षित करती है, जिससे न सिर्फ किसानों की फसलों पर बल्कि किसानों के जीवन पर भी संकट के बादल मंडराने लगते हैं.
पतौर के ललन सिंह, टिकुरी के विजय द्विवेदी व ब्रजभान सिंह सहित अन्य लोगों ने बताया कि हाथियों के झुंड को खेतों की तरफ बढ़ने से रोकना आसान काम नहीं है. यही कारण है कि पहले से तैयारी रखना जरूरी है. इसीलिए उमरिया जिले के बांधवगढ़ के जंगल के आसपास बसे गांवों में इन दिनों मिर्ची वाले कंडे बनाए जा रहे हैं. मिर्च वाले ये कंडे बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के पतौर और पनपथा रेंज के कई गांवों में बन रहे हैं. उमरिया में जंगली हाथियों से फसल और किसानों के जीवन की रक्षा के लिए योजनाबद्ध ढंग से पूरा काम होता है. हाथी दलों के सदस्यों को वाट्सएप ग्रुप से जोड़ा गया है. इस ग्रुप से वन विभाग के लोग भी जुड़े हुए हैं. इस ग्रुप में हाथी दल की लोकेशन की पल-पल की जानकारी अपडेट की जाती है.