आगरा: मोहब्बत की निशानी ताजमहल का दीदार करने हर दिन हजारों की संख्या में देसी और विदेशी पर्यटक पहुंचते हैं. ताजमहल और उसके आसपास पर्यटकों के लिए सबसे बड़ी मुसीबत बंदर हैं. जो झुंड में घूमते हैं और पर्यटकों से खाने-पीने के सामान छीनने के साथ ही हमला करके चोटिल कर रहे हैं.
नगर निगम अभी तक ताजमहल और आसपास के क्षेत्र में उत्पाती बंदरों को कंट्रोल करने में नाकाम रहा है. ऐसे में ताज सुरक्षा पुलिस ने पर्यटकों की सुरक्षा और बंदरों के आंतक से निपटने के लिए एक विशेष प्लानिंग की है. जिसके तहत बंदर भगाने के लिए अल्ट्रा सोनिक मंकी रिपेलर मशीन लगाई है.
ताजमहल में बंदरों के आतंक से निपटने के लिए किए गए इंतजाम पर संवाददाता की रिपोर्ट. (Video Credit; ETV Bharat) इसके साथ ही एंटी मंकी टास्क फोर्स को लगाया गया है. एडीजी आईबी और एडीजी सुरक्षा ने भी ताजमहल की सुरक्षा चाक चौबंद करने के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं. जिसके तहत ताजमहल की सुरक्षा में एंटी ड्रोन गन और सिस्टम भी लगाया जाएगा.
बता दें कि ताजमहल देखकर जैसे पर्यटक वाह ताज बोलते हैं, वैसे ही यहां की व्यवस्था से उन्हें कोई परेशानी ना हो, इसके लिए केंद्र और प्रदेश सरकार का पूरा जोर है. इसके चलते ही ताजमहल से उत्पाती बंदरों को पकड़ने के लिए वन विभाग और नगर निगम ने पिजंरा लगाया था.
नगर निगम का दावा है कि अलग-अलग फेज में ताजहमल से करीब 500 बंदर पकडे़ गए हैं. इसके बाद भी ताजमहल और उसके आसपास बंदरों का आतंक कम नहीं हो रहा है. आए दिन बंदर सरेराह पर्यटकों का सामान छीन रहे हैं या हमला करके चोटिल कर रहे हैं. ताजमहल और उसके आसपास एक साल में बंदरों ने 20 से अधिक पर्यटकों को काट कर चोटिल किया है.
इन जगहों पर रहता बंदरों का आतंक:ताजमहल और आसपास के क्षेत्र में बंदरों का आतंक हैं. बंदरों का झुंड जब निकलता है तो हर कोई हैरान रह जाता है. देखें तो ताजमहल के पूर्वी, पश्चिमी गेटों के अलावा पार्किंग, बाजार और ताजमहल के अंदर भी बंदरों के झुंड अक्सर घूमते रहते हैं. जो आए दिन झपट्टा मारकर पर्यटकों से खाने-पीने का सारा सामान खींच ले जाते हैं. इसके साथ ही बंदरों के झुंड के पास से गुजर रहे पर्यटकों पर हमला कर देते हैं. यही वजह है कि बंदरों के हमले से कई पर्यटक घायल हो चुके हैं.
बंदर देखते ही अलर्ट हो जाएगी टीम:एसीपी ताज सुरक्षा सैय्यद अरीब अहमद ने बताया कि आगरा आने वाले पर्यटक की सुरक्षा बेहद जरूरी है. पर्यटक की सुरक्षा और सुविधा के लिए पर्यटन पुलिस की दो टीमें बनाई गई हैं. जैसे ही बंदरों के झुंड पहुंचेगा, वैसे ही अलर्ट मिलेगा. बंदरों के हमले की सूचना मिलते ही मौके पर पर्यटन पुलिस की टीमें पहुंच जाएंगी. हर टीम में चार पुलिसकर्मी हैं, जो बाइक से घूमेंगे.
15 मशीनों का किया गया ऑर्डर:एसीपी ताज सुरक्षा सैय्यद अरीब अहमद ने बताया कि अभी ताज सुरक्षा पुलिस ने 15 अल्ट्रासोनिक मंकी रिपेलर मशीन का ऑर्डर किया है. एक मशीनों की कीमत लगभग 5 लाख रुपए है. ये मशीनें दशहरा घाट, पूर्वी गेट, नीम तिराहा, पश्चिमी गेट,बसई घाट समेत ऐसे ही 15 प्वाइंट पर लगाई जाएंगी. इन जगहों पर बंदरों का आतंक रहता है.
कंट्रोल रूम से रखी जाएगी निगरानी:एसीपी ताज सुरक्षा सैय्यद अरीब अहमद ने बताया कि ताजमहल पर एंटी मंकी टास्क फोर्स तैनात की जा रही हैं. इस टास्क फोर्स में शामिल जवानों के पास विशिष्ट उपकरण दिए जा रहे हैं. पर्यटकों की सुरक्षा को लेकर ताजमहल में कई योजनाओं पर काम चल रहा है. ताजमहल और आसपास में बंदरों के झुंड पर सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जाएगी. सभी सीसीटीवी कमरों को कंट्रोल रूम से कनेक्ट किया गया है.
बंदरों के कानों पर पड़ेगा असर: एसीपी ताज सुरक्षा सैय्यद अरीब अहमद ने बताया कि बंदरों को भगााने के लिए जो अल्ट्रासोनिक मंकी रिपेलर मशीन मंगवाई हैं. एक मशीन की रेंज लगभग 350 वर्ग मीटर है. इन मशीनों से निकलने वाली ध्वनि तरंगों से बंदर डर कर भाग जाएंगे. मशीन से निकालने वाली ध्वनि तरंगें पर्यटक नहीं सुन सकेंगे. लेकिन, मशीन से निकलने वाली ध्वनि से बंदरों के कानों पर इसका असर पड़ेगा. जिसकी वजह से ही बंदर ध्वनि तरंगों की रेंज में नहीं आएंगे.
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