उज्जैन: नए साल के मौके पर लोग होटल और पब में जाकर पार्टी करते हैं. लेकिन उज्जैन की बेटी और फेमिना मिस इंडिया 2024 निकिता पोरवाल ने नववर्ष को कुछ अनोखे अंदाज में मनाया. मानव सेवा की एक अनूठी मिसाल पेश करते हुए निकिता नव वर्ष की पूर्व संध्या पर सेवाधाम पहुंचीं. आश्रम में उन्होंने अनाथ बच्चों, दिव्यांगों और बुजुर्गों के साथ खुशियां साझा की और विकलांग बच्चों से लाड-प्यार किया और गायों की भी सेवाएं की.
बीते साल बनी थीं फेमिना मिस इंडिया
उज्जैन का नाम रोशन करने वाली निकिता ने 16 अक्टूबर 2024 को फेमिना मिस इंडिया का खिताब जीता था. वहीं नववर्ष की पूर्व संध्या पर सेवाधाम आश्रम पहुंचकर वे फिर सुर्खियों में हैं. उन्होंने यहां बुजुर्गों से गीत सुना, गायों की सेवा की और विकलांग बच्चों के साथ समय बिताया. उन्होंने शहर के बेसहारा बुजुर्गों और दिव्यांगजनों के बीच पहुंच कर सभी के लिए एक यादगार पल बना दिया.
16 अक्टूबर 2024 को फेमिना मिस इंडिया का मिला था खिलाब (ETV Bharat) 'खुशी बाहर नहीं, हमारे भीतर ही होती है'
निकिता ने कहा, "नववर्ष का समय मेरे लिए बेहद खास है. इस मौके पर मैंने हमेशा मुंबई से बहुत कुछ सीखा है, लेकिन मेरी दिली ख्वाहिश थी कि मैं अपने उज्जैन लौटकर यहां की दिव्य आत्माओं के बीच अपने खास दिन बिताऊं. इस आश्रम ने मुझे सिखाया है कि खुशी बाहर नहीं, हमारे भीतर ही होती है. मैं यहां आकर बहुत भावुक हो गई हूं, अब हमेशा इस सेवा परिवार से जुड़ी रहूंगी."
निकिता के आश्रम पहुंचने पर बच्चों और बुजुर्गों के चेहरों पर खुशी का ठिकाना नहीं था. उन्होंने निकिता का सम्मान मालवी पगड़ी से किया. यह एक संदेश है कि खुशियां हमेशा समाज की सेवा और अपनापन बांटने में मिलती हैं.
निकिता ने मांदल धुन बजाई
उज्जैन में जब बुजुर्ग सर्दी से ठिठुर रहे थे तो पारंपरिक मांदल बजा उसकी धुन पर मिस इंडिया ने सबको नए साल की शुभकामनाएं दीं. निकिता को देख बुजुर्ग और अनाथ बच्चे बेहद खुश हुए. निकिता के लिए अपने गृह नगर में यह सेलिब्रेशन पहले से काफी अलग था. इससे पहले वो एक सामान्य बिटिया की तरह यहां आती थीं. मगर इस दफे वो देश की सबसे सुंदर बेटी का खिताब और ताज लेकर आईं थी.